रायपुर से 107 दिन बाद मानसून विदा 5% ज्यादा वर्षा से गर्मी में संकट नहीं
राजधानी के संभाग रायपुर और लगे हुए दुर्ग संभाग से इस साल का मानसून 107 दिन बरसने के बाद गुरुवार, 20 अक्टूबर को विदा हो गया। बिलासपुर संभाग से मानसून 5 दिन पहले ही विदा हो गया था, लेकिन खाड़ी से नमी आने के कारण अटका हुआ था। रायपुर जिले में अब तक 960 मिमी बारिश हुई है। यहां औसत 1050 मिमी है, यानी औसत से करीब 9 प्रतिशत कम वर्षा हुई। लेकिन दुर्ग जिले में 1042 मिमी बारिश हो गई, जो औसत से ज्यादा है। दोनों संभागों के महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी और बालोद आदि में औसत से ज्यादा बारिश हुई है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि रायपुर और दुर्ग संभाग के सभी जिलों को मिलाया जाए तो औसत से करीब 5 प्रतिशत अधिक वर्षा हो गई। कृषि और मौसम विज्ञानियों का कहना है कि रायपुर और दुर्ग संभाग के अधिकांश बांध इस बारिश से 90 से 100 प्रतिशत तक भरे हुए हैं। इस वजह से इस साल दोनों ही संभागों में गर्मी में पीने या सिंचाई के लिए पानी का संकट नहीं होगा। छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई की रफ्तार ने गुरुवार को फिर जोर पकड़ा है। अगले 48 घंटे के भीतर यह बस्तर से भी विदा हो जाएगा। मौसम विभाग और शासन के आंकड़ों के मुताबिक इस बार रायपुर और दुर्ग, दोनों ही संभागों के जिलों में बारिश का वितरण समान रहा है।
किसी भी जिले में सूखे की स्थिति नहीं है। इसलिए प्रमुख बांध लगभग भरे हुए हैं। ऐसे में इस साल गर्मी के मौसम में शहरी इलाकों में बांधों से सप्लाई होने वाले पीने के पानी में कटौती की कोई आशंका नहीं रह गई है।
प्रदेशभर में औसत बारिश 1142 मिमी, इस बार 1274 मिमी वर्षा
रायपुर-दुर्ग संभाग का औसत 1050 मिमी, इस बार 5% ज्यादा
जुलाई-अगस्त में जमकर बरसा- रायपुर में 19-20 जून को मानसून दाखिल हुआ था। जून की शुरुआती बारिश के बाद कुछ दिन मानसून ब्रेक जैसे हालात रहे, लेकिन जुलाई में अच्छी बारिश हुई। यह सिलसिला 30 सितंबर तक चला। मौसम विभाग के रिकार्ड के मुताबिक जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में लगातार हुई बारिश के कारण किसी भी महीने में वर्षा की कमी नहीं हुई।
इसीलिए 30 सितंबर को मानसून सीजन खत्म होने के साथ ही राज्य में औसत से करीब 10 फीसदी अधिक पानी बरस गया। प्रदेश में जून से सितंबर तक मानसून के दौरान 1142.1 मिमी बारिश होती है। जबकि इस साल 1274.5 मिमी पानी बरसा। सीजन खत्म होने के बाद यानी अक्टूबर में भी मानसून की विदाई तक 71.7 मिमी बारिश हो गई। यह औसत से 53 फीसदी अधिक है।
बारिश का पैटर्न भी एकसमान- कृषि मौसम विज्ञानी डॉ. जीके दास के अनुसार आमतौर पर पिछले कुछ सालों में बस्तर में ज्यादा बारिश होती थी और रायपुर तथा बिलासपुर संभाग में कम। प्रदेश का औसत ठीक ही रहता था, क्योंकि उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ की कमी को बस्तर की बारिश पूरी कर देता था। लेकिन इससे फसलों को ज्यादा असर होता था। जहां कम बारिश होती थी, वहां फसलें खराब हो जाती थीं। इस साल यह दिक्कत नहीं आई।
रोज 12 मिमी के औसत से हुई बारिश
मानसून इस साल तय समय 16 जून तक रायपुर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में सक्रिय हो गया। यह 107 दिन रहा और मानसून छत्तीसगढ़ में रहा। इस दौरान 1274.5 मिमी बारिश हुई, यानी हर दिन करीब 12 मिमी की औसत से पानी गिरा। यह काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि जब-जब पानी की जरूरत हुई, तब वर्षा हुई है। क्षेत्र और समय के अनुसार वर्षा का वितरण अच्छा माना जाएगा।