मनरेगा कर्मियों का आंदोलन जारी, एक पक्ष काम पर लौटने संगठन पर बना रहा दबाव|……
कोरबा -मनरेगा कर्मियों के 2 महीने की हड़ताल के बाद भी सरकार ने चर्चा के लिए नहीं बुलाया। 22 जिलों के सहायक परियोजना अधिकारियों के बर्खास्तगी के बाद अब काम पर लौटने का दबाव भी बना हुआ है। कई कर्मचारी तो नौकरी जाने के डर से परेशान हैं। जिले में 450 मनरेगा कर्मी हैं। इसमें रोजगार सहायकों की संख्या 330 है। साथ ही तकनीकी सहायक और ऑफिस स्टाफ भी है। मनरेगा कर्मियों ने सहायक परियोजना अधिकारियों को नौकरी से निकालने के बाद शनिवार को रायपुर में रैली का आयोजन किया था।
इसमें कोरबा जिले से भी कर्मचारी शामिल हुए थे। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ में शामिल कर्मचारी अब काम पर लौटना चाहते हैं। इसके लिए ही दबाव बनने लगा है। कई कर्मचारियों ने बताया कि 3 महीने से वेतन नहीं मिला है। मनरेगा कर्मी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा रोजगार सहायकों को पंचायत सचिवों की तरह सुविधाएं देने की मांग भी शामिल है। प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे अपने काम पर नहीं लौटने पर नई भर्ती करने की बात कही है। इससे भी मनरेगा कर्मी परेशान हैं। इसी वजह से सरकार और प्रशासन के खिलाफ अब बोलने की वजह संगठन पर ही काम पर लौटने का दबाव बन रहा है।