जमींन-प्लाट का भी होगा अपना यूनिक नंबर…
आम जन के सुविधा के लिया सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है की आधार कार्ड की तरह अब हर प्लॉट का एक यूनिक नंबर होगा। इसके लिए राजस्व विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। तकनीकी एजेंसी की मदद से शहर और गांव में जमीन के हर छोटे-बड़े प्लॉट का नाप-तौल व बैटिंग के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. खास बात यह है कि देशभर के हर प्लॉट का एक यूनिक नंबर होगा। इस नंबर के माध्यम से सभी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इससे जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी। इसकी शुरुआत एक मॉडल जिले के रूप में कवर्धा से हो सकती है।
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थसरा व बाटन में अनियमितता के चलते जमीन की धोखाधड़ी की शिकायतें बड़ी संख्या में हैं। राजधानी रायपुर में ही खसरा नहीं मिलने के कई मामले सामने आ रहे हैं. इस जमीन की शिकायत शहरों और गांवों में आम है। ऐसी विसंगतियों को दूर करने के लिए, केंद्र सरकार ने एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (अद्वितीय भूखंड पहचान संख्या) जारी करने की योजना बनाई है।
इसके तहत हर प्लॉट का अलग-अलग नंबर होगा। इसके लिए जियो को रिफ्रेश कर खसरा और ब्रेजिंग की जाएगी। इस वेरिफिकेशन के बाद सिस्टम से संबंधित प्लॉट नंबर जेनरेट होगा। इस तरह से थासरा नंबर में हेराफेरी कर जमीन की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है। भूमि अभिलेख आयुक्त रीता शांडिल्य ने सभी कलेक्टरों को इसे तैयार करने के निर्देश दिए हैं।