विष्णुदेव साय के आगमन के स्वागत-होर्डिंग में जूदेव-परिवार की तस्वीरे गायब
रायगढ़। विष्णुदेव साय के प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होते ही भाजपा संगठन से जुड़े कुछ छुटभैये कार्यकर्ता गुटबाजी की खाई को चौड़ी करने के षड्यंत्र में जुट गए है।
विष्णुदेव साय ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के पहले जशपुर-पैलैस जाकर स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के बेटे युद्धवीर सिंह जूदेव से मुलाकात कर यह सियासी संदेश दिया कि कुमार साहब के मुंछो को दांव में लगाने की वजह से भाजपा सत्ता के सिंहासन में काबिज हो पाई ।
पैलेस की चौखट से अपनी राजनैतिक पारी की शुरुवात करने वाले विष्णुदेव साय जूदेव परिवार के प्रति अगाध स्नेह व समर्पण रखते है लेकिन रायगढ़ जिले में गुटबाजी को बढ़ावा देने वाले साय खेमे से जुड़े कुछ कार्यकर्ता विष्णुदेव साय व जूदेव परिवार के मध्य मधुर रिश्तो में कटुता पैदा कर रहे है। प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के होने के बाद विष्णुदेव साय राजधानी जाने के लिए रायगढ़ होकर रवाना हुए ।
जैसे ही उनके आने की जानकारी हुई उनसे जुड़े कार्यकर्ताओ ने शहर के कुछ जगहों पर होर्डिंग लगाया।
स्वागत-होर्डिंग में प्रदेश स्तर से लेकर स्थानीय स्तर के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ निगम चुनाव में हारे हुए नेताओं की तस्वीर भी मौजूद थी लेकिन अपनी मुंछो को दांव में लगाकर सत्ता दिलाने वाले दिलीप सिंह जूदेव उनके बेटे पूर्व विधायक युद्धसिंह जूदेव व प्रदेश भाजयुमो उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप जूदेव की तस्वीरें गायब थी। इन होर्डिंग में जिला भाजपा का नाम भी नदारत रहा। ये होर्डिंग जिला भाजपा द्वारा नही लगवाए गए थे बल्कि विष्णुदेव साय की नजरों में चढ़ने के लिए कुछ कार्यकर्ताओ द्वारा बनाये गए थे। यह बताना लाजमी होगा कि इन होर्डिंग के लगने से जिला भाजपा भी नाराज है वहीं जूदेव खेमे में भी इस ओछी हरकतों को लेकर खासी नाराजगी है।
विष्णुदेव साय को खुश करने के चक्कर मे उनके खास समर्थक जो पूर्व में एल्डरमेन व पूर्व पार्षद द्वारा लगाई गई इन होर्डिंग में जूदेव व पार्टी के पितृ पुरूष लखीराम की तस्वीर नदारत है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टेंस के नियमो के पालन हेतु जगह जगह स्वागत कार्यक्रम भी नही रखा गया था लेकिन इन समर्थकों ने जिलां भाजपा की जानकारी के बगैर ढिमरापुर जोहल पैलेस व गोगा मंदिर जुटमिल क्षेत्र में स्वागत कार्यक्रम रखा गया था इस बात को भी लेकर भाजपा संगठन के अंदर खेमे में गहरी नाराजगी है।
निगम से जुड़े इस पस्त पार्षद में हार के बाद येन केन प्रकारेण खोई जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। भाजयुमो कार्यकर्ता सूरज शर्मा द्वारा निगम में धरने की वजह से हुई एफआईआर के मामले में पूरी भाजपा एकजुट हुए लेकिन निगम के पूर्व पार्षद नदारद नजर आए ।
ऐसे अवसरवादी लोगो की हरकतो से भाजपा की गुटबाजी सड़क में दिखाई दे रही है । स्व.दिलीप सिंह जूदेव की आत्मा कार्यकर्ताओ के दिलो में बसती है। छोटे से छोटे कार्यकर्ता के लिए जूदेव का राजनैतिक जीवन एक पाठशाला की तरह है। प्रदेश सरकार ने जिले की सबसे अहम केलो परियोजना का नामकरण दिलीप सिंह जूदेव के नाम पर किया है वही पूर्व एल्डरमेन व पूर्व पस्त-पार्षद प्रदेशाध्यक्ष के स्वागत की होर्डिंग में जूदेव की तस्वीर तक देना मुनासिब नही समझते।
ऐसे में अब नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय व जिला भाजपा के लिए भी आने वाले दिनों में ये सबसे बड़ी चुनौती होगी कि ऐसे मौकापरस्त छुटभैयों नेताओं को संगठन से कैसे दूर रखा जाये जो निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए संगठन के हित की परवाह किये बगैर खेमेबाज़ी को बढ़ावा देने से भी गुरेज नहीं करते हैं।