चीन को भारत ने दिखायी ताकत! इस तनातनी के बीच लेह में भारतीय सेना और वायुसेना ने किया साझा युद्धाभ्यास
नई दिल्ली । चीन से तनातनी के बीच लेह में भारतीय सेना और वायुसेना ने साझा युद्धाभ्यास किया है। इस युद्धाभ्यास में फाइटर और ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हुए। युद्धाभ्यास का मकसद दोनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना था। इस युद्धाभ्यास में सुखोई लड़ाकू विमान और चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल हुए।
दरअसल, भारतीय सेना को मालूम है कि वर्तमान गतिरोध के कारण लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर रक्षा कवच को कम नहीं किया जा सकता है। अभी भी गलवान घाटी, पैंगॉन्ग झील और दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सेना की तैनाती पहले जैसी बनी है। ऐसे में भारत किसी स्तर पर अपनी तैनाती को कम नहीं रखना चाहता है.
टीवी रिपोर्ट के मुताबिक, यह संयुक्त युद्धाभ्यास लद्दाख सीमा पर 11000-16000 फीट की ऊचांई पर किया जा रहा है। इसमें चिनूक हेलिकॉप्टर, मी-17 हेलिकॉप्टर भी हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान सुखोई विमान ने आसमान में सुरक्षा घेरा भी बनाया जिसके बाद सेना के मालवाहक विमान रसद, तोपें और सिपाहियों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने का कोआर्डिनेशन ऑपरेशन चल रहे हैं।
सुखोई विमान शामिल– रिपोर्ट के अनुसार साझा युद्धाभ्यास में वायुसेना के अत्याधुनिक तकनीक विमान सुखोई शामिल है। इस युद्धाभ्यास के जरिए सेना को एक जगह से दूसरे जगह पर तेजी से ले जाने की प्रेक्टिस भी की जा रही है. सेना के ट्रांसपोर्ट और हवाई विमान इसमें शामिल है.
एशिया में लगेगा चीन पर लगाम- इसी बीच अमेरिका ने यूरोप से अपनी सेना हटाकर एशिया में तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने ये ऐलान किया है. अमेरिका यह कदम ऐसे समय उठा रहा है कि जब चीन ने भारत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं , तो दूसरी ओर वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और साउथ चाइना सी में खतरा बना हुआ है।
चीनी सैनिकों का जमावड़ा– बता दें कि लद्दाख में ही चीनी सैनिकों का जमावड़ा लगा है. हालांकि पिछले दिनों चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख में तकरीबन 1 किमो पीछे हटा लेकिन इसके बावजूद भारत चौकन्ना है. भारत को चीन के साथ सीमा पर कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता है, इसी कारण सीमा पर सेना ने युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है और जल्द ही इसमें और तेजी लायी जाएगी.