कोरोना काल में लॉकडाउन के समय से महंगाई होती जा रही बे-लगाम, महंगी हो सकती है भोजन की थाली
नई दिल्ली| कोरोना संकट के बीच महंगाई की दोहरी मार से देश की जनता परेशान है। ताजा खबर खाद्य तेलों लेकर आ रही है। सरकार दूसरे देशों से लाए जाने वाले खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर ही है। इस बारे में दो बार की बैठकें हो चुकी हैं। सितंबर में होने वाली बैठक में इस पर सहमति बन सकती है। मालूम हो, देश में कुल जरूरत का केवल 40 फीसदी खाद्य तेल ही बनता है. बाकी का 60 फीसदी तेल विदेश से आयात किया जाता है।
बता दें, लॉकडाउन के समय से महंगाई बेलगाम होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के कारण मालभाड़े में बढ़ोतरी को माना जा रहा है। साथ ही कारोबारियों का यह भी कहना है कि देश भर में अब अनलॉक शुरू होने के बाद भी बहुत सी चीजों की सप्लाई नहीं हो पा रही है और उनकी मांग बढ़ गई है।
सोयाबीन, पाम तेलों की कीमतों में बीते डेढ़ माह में 80 से 90 रुपये का इजाफा हो गया है। जो खाद्य तेल 90 रुपये पैकेट में मिल रहा था, वह आज 100 रुपये में मिल रहा है।
टमाटर, आलू भी रुला रहे
माह भर पहले अनलॉक 1 में 2 जून को टमाटर चिल्हर में 15 से 20 रुपये किलो तक बिक रहा था। आज थोक में टमाटर 1000-1100 रुपये कैरेट और चिल्हर में 55 से 60 रुपये किलो बिक रहा है। पिछले माह 20 रुपये किलो में बिक रहा आलू 30 रुपये किलो पर पहुंच गया है। हालांकि प्याज की कीमत अभी भी 20 रुपए किलो ही है।
मालभाड़े का असर ब्रांडेड कंपनियों के आटे की कीमतों पर भी दिख रहा है। लॉकडाउन की अवधि में 180 रुपये पैकेट (प्रति पांच किलो) तक बिका रहा ब्रांडेड कंपनियों का आटा 185 से 190 रुपये पैकेट बिक रहा है।