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तृतीय विश्व युद्ध के बाद आदिमानव सा हो जाएगा मानव जीवन…

दिल्ली। कोरोना संकट ने वैश्विक परिदृश्य पर विचित्र असर डाला है. जहां पूरी दुनिया इस महामारी से जूझने में व्यस्त है, वहीं दूसरी तरफ जंग की गहमागहमी जारी है. अमेरिका और यूरोप कोरोना संकट को लेकर जिस तरह से खफा दिख रहे हैं. उससे लगता है कि पूरी दुनिया पर छाया कोरोना तनाव कभी भी विश्व युद्ध में बदल सकता है.

1. लगातार परमाणु परीक्षण में जुटा है चीन

खबर आ रही है कि दुनिया को कोरोना में उलझा कर चीन ने परमाणु परीक्षण किया है. चीन के परमाणु संस्थानों ने जमीन के नीचे कम तीव्रता वाले Nuclear Test किए हैं. चीन के परमाणु परीक्षण की खबर अमेरिकी एजेन्सियों ने दी है.हालांकि उनकी तरफ से इस बात का कोई सबूत नहीं दिया गया है. लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर ये कहा जा रहा है कि चीन ने लॉप नूर टेस्ट परीक्षण स्थल पर इसे अंजाम दिया है.

2. अपने तेल भंडार में भारी इजाफा कर रहा है चीन

पिछले दिनों एक और खबर आई जो यह बताती है कि चीन युद्ध की तैयारियों में जुटा हुआ है. चीन ने पिछले एक महीने में अपने ऑयल रिजर्व में भारी इजाफा किया है. दरअसल पिछले दिनों कच्चा तेल सस्ता हुआ है. जिसकी वजह से चीन तेल का विशाल भंडार बनाने में लग गया है.

कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट आने तथा रूस के साथ प्राइस वार की वजह से सऊदी अरब द्वारा बाजार में आपूर्ति बढ़ाने से मार्च में यूएस ऑयल फ्यूचर और ब्रेंट क्रूड की कीमतें 18 साल के निम्नतम स्तर पर पहुंच गईं.

सीएनपीसी के मुताबिक चीन साल 2020 के अंत तक चीन अपने इमर्जेंसी भंडार में 8.5 करोड़ टन तेल चाहता है, जो अमेरिका द्वारा अपने स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व में रखे जाने वाले तेल से भी ज्यादा है. यह दुनिया का सबसे बड़ा तेल बैकअप है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मार्च में चीन का क्रूड इंपोर्ट करीब 12 फीसदी बढ़कर 43.91 मिलियन टन पहुंच गया है. क्रूड ऑयल की कीमत पिछले एक साल में 50 फीसदी से ज्यादा नीचे आ गई है.

akhilesh

Chief Reporter