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सरकार के निर्देश अब एक साल में साढ़े दस हजार से अधिक बच्चों को घर बैठे मिला जाति प्रमाण पत्र

रायपुर | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जाति प्रमाण पत्र के अभाव में होने वाली परेशानी को देखते हुए जाति और निवास प्रमाण पत्रों की घर-पहुंच सेवा प्रारंभ करने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल सुकमा जिले के बच्चों को जाति प्रमाण पत्र के अभाव में शासन की किसी भी योजना से वंचित न हों, इसलिए सुकमा जिला प्रशासन द्वारा जाति प्रमाण पत्र की घर पहुंच सेवा लगभग एक साल पहले शुरु की गई। अभियान के तौर पर शुरू किए गए इस काम से अब तक साढ़े दस हजार से अधिक बच्चों को जाति प्रमाण पत्र दिया जा चुका है।

कलेक्टर चंदन कुमार द्वारा जाति प्रमाण पत्रों के अभाव में बच्चों को होने वाली परेशानी के साथ ही इसे बनाने के लिए छात्रों की मशक्कत को देखते हुए घर-पहुंच जाति प्रमाण पत्र देने की योजना प्रारंभ की गई। पहले चरण में छठवीं से दसवीं तक अध्ययनरत सभी अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को घर में ही जाति प्रमाण पत्र देने का लक्ष्य रखा गया।

शैक्षणिक सत्र 2019 के मध्य तक लगभग आठ हजार जाति प्रमाण पत्र बनाने के साथ ही छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत सभी छात्रों को जाति प्रमाण पत्र देने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया। इसके बाद पांचवीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र देने का नया लक्ष्य निर्धारित कर मार्च 2020 से कार्य प्रारंभ किया गया, ताकि छठवीं कक्षा में प्रवेश के साथ इन्हें आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ तत्काल मिल सके। जिला प्रशासन द्वारा मार्च 2020 से अब तक ढाई हजार से अधिक बच्चों को जाति प्रमाण पत्र दिया जा चुका है।

इस योजना का लाभ उन विद्यार्थियों और पालकों को खासतौर पर मिला है, जो दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं और जिन्हें जाति प्रमाण पत्र के लिए आवागमन के सीमित संसाधनों के बीच दफ्तरों के चक्कर लगाना पड़ता था।

   सुकमा जिला प्रशासन द्वारा की गई खास पहल के कारण विद्यार्थियों को और उनके पालकों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ा, बल्कि शिक्षा विभाग और राजस्व विभाग के मैदानी अमलों ने जाति प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेजों का प्रबंध किया। इन दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन माध्यम से भी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किए गए। तहसीलदार और अनुविभागीय दण्डाधिकारियों द्वारा इन आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिन्हें पुनः अध्यापकों के माध्यम से बच्चों को वितरित किया जा रहा है।

सुकमा जिला प्रशासन द्वारा इस शैक्षणिक सत्र में दूसरी कक्षा से पांचवीं कक्षा के 25 हजार से अधिक बच्चों के जाति प्रमाण पत्र वितरित करने की तैयारी की जा रही है। इससे वर्तमान शैक्षणिक सत्र में ही विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा। इस सत्र में कक्षा दूसरी से 5वीं के 25 हजार 432 विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।

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