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गोल्ड-सिल्वर रेश्यो 83 पार, 85 हजार रुपए तक जा सकती है चांदी की कीमत , चांदी में बेहतर रिटर्न:

डेक्स  –  सोने की कीमतें चांदी की तुलना में इस समय काफी अधिक हैं। गोल्ड सिल्वर रेश्यो फिलहाल 83 के पार है। जानकारों की मानें तो ऐसे में चांदी में निवेश बढ़ेगा और सफेद धातु की कीमतें सालभर में 85 हजार रुपए प्रति किलो तक जा सकती हैं। शुक्रवार को आईबीजेए पर चांदी के दाम 62,788 रुपए प्रति किलो थे।

गोल्ड सिल्वर रेश्यो कम हुआ
गोल्ड सिल्वर रेश्यो बताता है कि एक औंस सोने से कितनी चांदी की खरीदारी की जा सकती है। रेश्यो ज्यादा होने का अर्थ है कि सोने की कीमत अधिक है, जबकि रेश्यो कम होने का मतलब है चांदी महंगी है। गोल्ड सिल्वर रेश्यो 62 के आस-पास रहता है, जो कि इस समय 83 से ऊपर है। जिसका मतलब है कि 1 औंस गोल्ड खरीदने के लिए 83 औंस चांदी चाहिए।

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं, बीते 12 मई को गोल्ड-सिल्वर रेश्यो इस साल के उच्चतम स्तर 89 पर था, जो अब घटकर 83.64 पर आ गया है। इसका मतलब है चांदी के दाम बढ़ रहे हैं। यह तेजी अभी जारी रहेगी। इसके चलते साल भर में चांदी 85,000 रुपए प्रति किलो तक जा सकती है।

निवेश के लिए चांदी का रुख कर रहे लोग
सिल्वर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, चांदी के दाम बढ़ने की कई वजहें हैं। सोने की ऊंची कीमतों के चलते लोग निवेश के लिए चांदी का रुख कर रहे हैं। स्टर्लिंग सिल्वर और गोल्ड प्लेटेड सिल्वर ज्वेलरी की डिमांड बढ़ गई है। चांदी की वैश्विक मांग इस साल 34,750 टन के रिकॉर्ड पर पहुंचने की उम्मीद है। ज्वेलरी डिमांड में 11%, जबकि चांदी के सामानों की मांग में 23% ग्रोथ का अनुमान है।

इसके अलावा, सोलर, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक मांग में 12% की बढ़ोतरी का अनुमान है। जबकि चांदी की माइनिंग एक दशक से लगभग स्थिर है। जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के सदस्य हेमंत गुप्ता कहते हैं, भारत में भी सिल्वर का आउटलुक काफी अच्छा है। सिल्वर ज्वेलरी में भी डिमांड बीते कुछ वर्षों में 40% से ज्यादा बढ़ चुकी है। कीमतों में भी आगे भी लगातार बढ़ोतरी होगी।

सोना महंगा होने के चलते ज्वेलरी इंडस्ट्री में सिल्वर की डिमांड बढ़ी
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि सालभर की बात करें तो चांदी ने अंडर परफॉर्म किया है, लेकिन अब इसमें तेजी आ रही है। इसकी वजह है कि गोल्ड महंगा होने से ज्वेलरी सेक्टर में सिल्वर की डिमांड बढ़ी है, साथ ही इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। सालभर में चांदी 85 से 90 हजार का आंकड़ा छू सकती है।

एक दशक में सिल्वर ने अंडरपरफॉर्म किया

2022 में फिजिकल सिल्वर डिमांड 13% बढ़कर 7 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
पिछले एक दशक से सिल्वर की माइनिंग स्थिर रही है, 2019 से पहले 4 साल तक माइनिंग में गिरावट थी।
बीते एक दशक से सिल्वर अंडर परफॉर्म कर रहा है और इसकी कीमतों में बहुत बढ़ोतरी नहीं हुई है।

akhilesh

Chief Reporter