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शादी कार्ड के नाम पर ठगी, ठगों ने अपनाया नया तरीका, वॉट्सऐप पर भेज रहें ई-न्योता

रायपुर। वॉट्सऐप पर इन दिनों लोगों को ‘शुभ विवाह’ के ‘अशुभ निमंत्रण’ मिल रहे हैं। नहीं समझे! चलिए, आपको समझाने के लिए 4 साल पहले कोरोनाकाल में ले चलते हैं। यही वो दौर है जहां से शादियों का ई-निमंत्रण शुरू हुआ था। आमने-सामने मिलकर देने पर ही जरूरी समझा जाने वाले न्योते का वर्चुअल अवतार आया। पीडीएफ के रूप में लोगों को वॉट्सऐप पर न्योते मिलने लगे। मौजूदा हालातों के मद्देनजर समाज में इसे स्वीकार भी कर लिया गया। साइबर ठगों ने इसी का फायदा उठाया है।

कोरोनाकाल से चला शादियों का ई-न्यौता अब ठगी की दहलीज पर आ खड़ा है। शादियों का सीजन शुरू होने के साथ बलौदाबाजार में लोगों को वॉट्सऐप पर अनजाने नंबरों से पीडीएफ या लिंक के रूप में शादियों के निमंत्रण आ रहे हैं। इन पर क्लिक करते ही मोबाइल में हानिकारक मैलिशियस फाइल ऑटोमेटिक डाउनलोड हो जाती है। इसी के साथ आपका प्राइवेट डाटा खतरे में पड़ जाता है। ठग इस डाटा का इस्तेमाल कर आपके बैंक खाते साफ कर सकते हैं। ब्लैकमेल भी कर सकते हैं।

एसपी विजय अग्रवाल कहते हैं, खुशियों के निमंत्रण को साइबर अपराधी जाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। ये लोगों को शादी में बुलाने के नाम पर ठग रहे हैं। ये वॉट्सऐप पर वेडिंग इन्विटेशन के नाम पर हानिकारक फाइल भेजते हैं। देखने में ये शादी का कार्ड लग सकता है, पर असल में यह आपके डिवाइस और डाटा को खतरे में डाल सकता है। अनजाने नंबरों से आने वाली फाइल या लिंक पर क्लिक करने से बचें।

अपने डिवाइस की सिक्यूरिटी सेटिंग हमेशा अपडेट रखें। अनजान नंबरों आने वाली फाइल या लिंक डाउनलोड करने से पहले उसकी सत्यता जांच लेें। ऑनलाइन लेन-देन और व्यक्तिगत जानकारी के बारे में ज्यादा सतर्क रहें। साइबर अपराध के बढ़ते दायरे केे बीच लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

इबर ठग धान खरीदी शुरू होने का भी फायदा उठा रहे हैं। इसके लिए वे लोक लुभावने स्कीम जैसे लॉटरी, बड़ी इनामी राशि जीतने व अन्य सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जी मैसेज भेजकर ठगी कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस किसानों को लगातार सतर्क कर रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि धान बिक्री की रकम लेने, बोनस राशि देने, केवाईसी के नाम पर उनसे ठगी की जा सकती है। फोन कॉल पर किसी को भी व्यक्तिगत जानकारी न दें।

इसके अलावा पुलिस बैंकों, एटीएम, ग्राहक सेवा केंद्रों में जागरुकता पैफलेट भी चस्पा कर रही है। इसमें साइबर ठगी, प्रकार, सावधानी के बारे में जरूरी जानकारियां हैं। इसके अलावा धान खरीदी केंद्रों में भी जागरूता से जुड़े पैफलेट चस्पा किए जा रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में भी सेमिनार के जरिए स्टूडेंट्स को जागरूक किया जा रहा है।

क्या न करें?

अनजाने फाइल डाउनलोड न करें। न ही ऐसी किसी लिंक पर क्लिक करें।

अनाधिकृत ऐप से बचेें। इससे डिवाइस पर मैलवेयर हमला हो सकता है।

ऑनलाइन लेन-देन, व्यक्तिगत जानकारी न दें। वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।

क्या करें?

अनजाने लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि करें।

डिवाइस की सिक्यूरिटी सेटिंग्स अपडेट रखें। एंटीवायरस का उपयोग करें।

संदिग्ध गतिविधि हो, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

akhilesh

Chief Reporter

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