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सरकार बनने के इंतिज़ार में छाया सन्नाटा; कर्जमाफ़ी को लेकर संसय

छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान तिहार चल रहा है. प्रदेशवासियों को नई सरकार बनने का बेसब्री से इंतजार है और जिसके वजह से छत्तीसगढ़ के कई धान ख़रीदी केंद्रों में सुनसान सुनसान नज़र आ रहा है। 

विधानसभा चुनाव में किसानों को साधने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने एक से बढ़कर एक लुभावने वायदे किए हैं। दरअसल, भाजपा 3100 रुपए प्रति क्विंटल तो कांग्रेस ने 3200 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने की घोषणा चुकी है और इन राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों का सबसे ज्यादा असर किसानों पर हुआ है, यही वजह है कि राज्य के रायगढ़ व सूरजपुर समेत कई धान खरीदी केंद्रों में सन्नाटा छाया हुआ है। इन बातों को खण्डन करते हुए खाद्य विभाग ने कहा कि फसल पकने में देरी की वजह से किसान अभी तक अपना धान बेचने मंडी तक नहीं पहुंच रहे हैं

बीते 17 नवंबर को छत्तीसगढ़ में मतदान संपन्न हुए हैं जिस्म कर्जमाफ़ी बड़ा मुद्दा रहा है इन्ही बातों का असर किसानों में देखने को मिल रहा है, कुछ किसानों में मिथ्क बातें है कि अगर वह अभी धान बेचते है तो उनका कर्जा माफ़ नहीं होगा।

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