देश के तमाम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में परीक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति
रायपुर | कॉलेज-विश्वविद्यालयों में परीक्षा को एक बहुत बड़ी अपडेट है। देश के 177 विश्वविद्यालय अभी तक ये तय ही नहीं कर पाये हैं कि वो परीक्षा कराना चाहते हैं या फिर नहीं। इधर विश्वविद्यालयों में असमंजस की स्थिति को देखते हुए परीक्षा को लेकर उलझन बढ़ गयी है। दरअसल कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश भर में कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष / सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है. यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ) की नई गाइडलाइंस आने के बाद देश के तमाम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। गुरुवार को यूजीसी ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन की स्थिति बताने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था।
अबतक 640 विश्वविद्यालयों का जवाब मिला है. इनमें से 454 विश्वविद्यालय या तो परीक्षा करा चुके हैं या फिर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. वहीं 177 विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं पर फैसला लिया जाना बाकी है. एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक यूजीसी ने कहा कि 2019-20 के दौरान स्थापित हुए 27 प्राइवेट यूनिवर्सिटी का फर्स्ट बैच अंतिम वर्ष की परीक्षा के योग्य नहीं है.
गौरतलब है कि यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक यूजी और पीजी कोर्सेज के अंतिम वर्ष/सेमिस्टर की परीक्षाएं कराना जरूरी है. इस गाइडलाइंस आने के बाद तमाम राज्यों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. देश के कई राज्यों की सरकारें( दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल ) अपने क्षेत्राधिकार के अंदर आने वाले विश्वविद्यालयों में सभी परीक्षाएं रद्द कर चुकी हैं.