राजधानी के सवा तीन लाख घरों में लगेगा डिजिटल नंबर प्लेट, 26 प्रकार की सेवाओं का मिलेगा लाभ
रायपुर – राजधानी के सवा तीन लाख घरों में डिजिटल नंबर प्लेट लगने की शुरुआत अगले महीने से देवेंद्र नगर इलाके में होगी। स्मार्ट सिटी ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इस नंबर प्लेट की खासियत यह है कि इसमें लगे क्यूआर कोड से उपभोक्ता 26 प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
इस नंबर प्लेट पर दिए गए यूनिक नंबर और क्यूआर कोड को गूगल मैप पर सर्च करने से घर का पूरा पता आसानी से मिल जाएगा। आगजनी की शिकायत, घरों से कचरा नहीं उठने आदि की शिकायत पर एजेंसियों को घर ढंूढ़ने में दिक्कत नहीं होगी, बल्कि भवन स्वामी का मोबाइल नंबर भी क्यूआर कोड से जुड़ा होगा। फोन करते ही नगर निगम और स्मार्ट सिटी की एजेंसियों को फोन करने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी स्क्रीन और मोबाइल पर मिल जाएगी।
यूनिक नंबर प्लेट में वार्ड, मकान मालिक का नाम और मकान नंबर लिखा होगा। इस साथ ही मकान का अलग से नंबर होगा। डिजिटल नंबर प्लेट बनकर आ चुके हैं। रायपुर स्मार्ट सिटी और इंडसइंड बैंक ने मिलकर साफ्टवेयर बनाने के साथ इसका डिस्प्ले भी तैयार कर लिया गया है।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि शहर की सभी मकानों, भवनों और कांप्लेक्स का जीआइएस सर्वे कराया था। इस आधार पर निगम के पास प्रत्येक संपत्ति और उसके मालिक की पूरी जानकारी एक जगह एकत्रित है। इस जानकारी का उपयोग कर यूनिक नंबर प्लेट तैयार किया गया है।
निगम देगा 26 तरह की सेवाएं
डिजिटल नंबर प्लेट घरों में लगने से लोगों को घर बैठे संपत्तिकर, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, नल कनेक्शन, नामांतरण, भवन निर्माण अनुज्ञा, वाटर हार्वेस्टिंग, नियमितीकरण, पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, विवाह पंजीयन, आय, मूल निवास, जाति, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र समेत 26 तरह की सेवाएं नागरिकों को मिलने लगेंगी। इन सेवाओं के लिए घर से ही आवेदन किया जा सकेगा। डिजिटल नंबर प्लेट में हर घर का एक यूनिक नंबर होगा। यह उस घर की पहचान होगी।
राजस्व वसूली करने क्यूआर कोड का इस्तेमाल
नंबर प्लेट पर क्यूआर कोड रहेगा। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद पता चल जाएगा कि मकान मालिक ने टैक्स भरा गया है या नहीं। इससे टैक्स न जमा करने वालों को तुरंत नोटिस जारी कर दिया जाएगा। नगर निगम अधिकारियों को राजस्व वसूलने के लिए अब बकायेदारों की फाइल खंगालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यूवी पेंटिंग से तैयार है प्लेट
तीन करोड़ रुपये खर्च करके तैयार की गई डिजिटल नंबर प्लेट को जीआइ शीट पर यूवी पेंटिंग से यूनिक आइडी नंबर और क्यूआर कोड बनाया गया है। यह वेदर और वाटर प्रूफ है। इस पर खास कोटिंग की गई है, ताकि लोहे या किसी दूसरी नुकीली चीज से खरोचे जाने पर भी प्लेट को नुकसान न पहुंचे। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन नहीं हो रहा है तो बार कोड स्कैन कर शिकायत की जा सकती है। कचरा उठाने वाली कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी गूगल मैप के जरिए तत्काल घर तक पहुंच जाएंगे।
शहर के सवा तीन लाख घरों में यूनिक डिजिटल नंबर प्लेट लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। मकान मालिक नंबर प्लेट को स्कैन कर शासन की 26 तरह की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।