डेंगू, मलेरिया का बढ़ता प्रकोप, ये देशी नुस्खा लड़ने में हो सकता है कारगर
इन दिनों ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें मरीज में डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया रोग के लक्षण तो हैं लेकिन टैस्ट रिपोर्ट निगेटिव है।
फिजिशियन के अनुसार इस तरह के वायरल इंफेक्शन का पता एक से दो हफ्ते बाद ही चल पाता है इसलिए कुछ मरीजों में शुरुआती दिनों में टैस्ट कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर मरीज के लक्षणों के आधार पर उपचार शुरू कर देते हैं। मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए घर या आसपास पानी इक्कठा न होने दें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। हाथ और पैरों को ढककर रखें।
दवाओं की पावर बढ़ाकर करते इलाज –
होम्योपैथी में मरीज के व्यवहार, लक्षण, एक्टिविटीज व प्यास लगने जैसे लक्षणों आधार पर इलाज होता है। दवाओं की शुरुआत लो पोटेंसी से की जाती है। प्लेटलेट्स घटने का मतलब है इम्युनिटी का कम होना, ऐसे में दवाओं की पावर बढ़ा दी जाती है। प्रिवेंटिव डोज के तौर पर रसटॉक्स, आर्सेनिक एल्ब, यूपटोरिम व जेल्सीमियम दी जाती है।
उबला सलाद और दलिया व खिचड़ी खाएं –
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ के अनुसार बुखार कैसा भी हो पेट की सफाई होना जरूरी है क्योंकि इस हिस्से में जमा मल रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है और वायरस शरीर पर हमला करने लगते हैं। इसलिए 1गिलास गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को सोने से पहले लें। मिर्च-मसाले कम खाएं। पानी उबालकर पिएं। कच्चे सलाद की जगह उबला सलाद व खाना खाएं। रोटी की जगह दलिया या खिचड़ी खाएं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी के 7 पत्तों का रस पीसकर 1 चम्मच शहद या एक कालीमिर्च के साथ लें। अमलतास की 3-4 इंच लंबी फली को एक गिलास पानी में उबालें और पानी आधा रहने पर रात को सोने से पहले गुनगुना ही पिएं। यही प्रयोग गिलोय की 3-4 इंच की डंडी के साथ भी करने से आंतों और फेफड़ों की सफाई होगी। महासुदर्शन क्वाथ दो-दो चम्मच खाने के 20 मिनट बाद सुबह-शाम लेने से बुखार में आराम मिलता है।