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10 दिन में नियमित करने का वादा था, दैनिक वेतन कर्मचारी:

छत्तीसगढ़ के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इन कर्मचारियों में गुस्सा भरा हुआ है । वजह यह है प्रशासन ने नियमित अधिकारी कर्मचारियों की बात सुनी महंगाई भत्ता भी बढ़ाया, मगर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की कोई नहीं सुन रहा।

पिछले 16 दिनों से दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ रायपुर में धरना दे रहा है। 6000 से अधिक कर्मचारियों वाले इस संगठन के धरने में शामिल होने प्रदेशभर से कर्मचारी रायपुर पहुंचे हैं। बूढ़ा तालाब के किनारे धरना स्थल पर इन कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। मगर अब तक प्रशासनिक अधिकारियों ने इनसे कोई चर्चा नहीं की।

आलम यह है कि इन कर्मचारियों ने भीख मांग कर अपना विरोध जताया है । सड़क पर कर्मचारी प्लास्टिक के डिब्बे लेकर बैठ गए और राह चलते लोगों से भीख मांगी । कर्मचारियों ने कहा कि इन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है । जिसकी वजह से यह बेहद परेशान है। परिवार आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। बहुत से कर्मचारियों को 10 से 15 साल अपनी सेवा देते समय गुजर गया मगर इन्हें नियमित नहीं किया गया। इस वजह से भीख मांग कर गुजारा करने की मजबूरी है।

पूरे प्रदेश में 18000 कर्मचारी

दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल ने बताया कि अलग-अलग विभागों में प्रदेश में 18000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी काम करते हैं। 2018 के चुनावों के वक्त जब दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने अपना आंदोलन शुरू किया तब कांग्रेस के बड़े नेता हमारे मंच पर आए । सरकार बन जाने के 10 दिन बाद नियमित कर देने का वादा किया था। 4 साल बीत गए मगर नियमितीकरण पर कोई कार्यवाही नहीं हुई । इस वजह से यह आंदोलन जारी है और आगे भी जारी रहेगा।

कर्मचारी फेडरेशन ने स्थगित की हड़ताल

दूसरी तरफ कर्मचारी फेडरेशन ने अपनी हड़ताल को स्थगित किया है । हर विभाग का नियमित कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल था। यह कर्मचारी महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग कर रहे थे। सरकार से हाल ही में हुए समझौते के बाद इस हड़ताल को समाप्त किया गया है। अब सोमवार से तमाम सरकारी दफ्तर नियमित रूप से खुलेंगे। हालांकि इस हड़ताल के अचानक खत्म हो जाने का विरोध भी बड़ी तादाद में नियमित कर्मचारी कर रहे हैं । आने वाले दिनों में फिर से हड़ताल पर जाने की रणनीति बनाई जा रही है।

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