FEATUREDGeneralLatestNewsUncategorizedछत्तीसगढ़रायपुर

गोबर खरीदी की धीमी गति पर नाराज हुए कलेक्टर

धमतरी। गोधन न्याय योजना के तहत जिले में गोबर खरीदी, कम्पोस्ट निर्माण और उसके विक्रय को लेकर कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने आज सुबह अधिकारियों की बैठक लेकर साप्ताहिक समीक्षा की। जिले की कतिपय नगर पंचायतों में गोबर खरीदी की धीमी गति को लेकर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी सीएमओ निर्देशित किया कि हरहाल में गोबर खरीदी और कम्पोस्ट निर्माण और विक्रय में तेजी लाएं। साथ ही उन्होंने सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को गौठानों का सतत् दौरा कर प्रतिदिन गोबर खरीदी की स्थिति की मॉनीटरिंग करते हुए उसकी समीक्षा करने और खरीदी में तेजी लाने के लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए।

सुबह 9.30 बजे से आयोजित बैठक में कलेक्टर ने गौठानवार गोबर खरीदी की समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि प्रतिदिन गोबर खरीदी सुनिश्चित करना राज्य शासन का आदेश है और इसका उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर ने पुन: निर्देशित किया कि सभी सक्रिय गौठानों में सतत् गोबर खरीदी की खरीदी होनी ही चाहिए और अधिकारी व मैदानी कर्मचारी इसे गम्भीरता एवं उच्च प्राथमिकता से करें। साथ ही गोबर की खरीदी का पोर्टल में नियमित रूप से एंट्री करने के लिए कहा जिससे वेबसाइट में वास्तविक प्रगति प्रदर्शित हो सके। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने सभी गौठानों में बहुआयामी गतिविधियों तथा रोजगारमूलक कार्यों में विस्तार देने के लिए कृषि सहित उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन विभाग के अधिकारियों को देने के निर्देश दिए। साथ ही आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें निर्देशित किया।
उप संचालक कृषि ने बताया कि वर्तमान में जिले में 339 सक्रिय गौठान हैं जिनमें 331 ग्रामीण क्षेत्रों में और शेष 08 शहरी इलाकों में स्थित है। उन्होंने बताया कि इन गौठानों में अब तक कुल 4 लाख 44 हजार 924 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है तथा इसमें से 77 हजार 813 क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया गया है। उत्पादित खाद में से 61 हजार 370 क्विंटल वर्मी खाद बेची जा चुकी है जो कुल उत्पादित खाद का लगभग 79 प्रतिशत है। इसी तरह उप संचालक पशुपालन ने बताया कि धमतरी विकासखण्ड के दो गौठान भटगांव और सारंगपुरी में गोमूत्र खरीदी एवं उससे कीट नियंत्रक व वृद्धिवर्धक दवा तैयार कर बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि सारंगपुरी गौठान में 105 लीटर और भटगांव में 87 लीटर गुणवत्तायुक्त गोमूत्र खरीदकर क्रमश: 105 तथा 60 लीटर कीट नियंत्रक दवा तैयार कर बेचा गया, जिससे कुल आठ हजार 250 रूपए की आय प्राप्त हुई। इसी प्रकार दोनों गौठानों में कुल 400 लीटर वृद्धिवर्धक दवा तैयार कर उसमें से 346 लीटर बेचा गया जिससे गौठान समितियों को कुल 13 हजार 840 रूपए मुनाफा मिला। उन्होंने बताया कि गोमूत्र चार रूपए प्रति लीटर की दर से खरीदकर उसे कीटनियंत्रक के तौर पर विकसित कर 40 रूपए प्रतिलीटर और वृद्धिवद्र्धक तैयार कर 50 रूपए प्रति लीटर की दर से बेचा जाता है। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Us

Follow us on Facebook Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube