शाम से देर रात तक हुई झड़प, 17 सैनिकों की नदी में गिरकर जान गई
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में जो झड़प हुए उसे किसी छोटे युद्ध से कम नहीं कहा जा सकता। करीब 15000 की फीट पर स्थित गलवा घाटी में सोमवार शाम 4 बजे से देर रात तक हिंसक झड़प होती रही। चीनी सैनिकों ने साजिश के तहत भारतीय जवानों पर हमला बोला। इतना ही नहीं चीन के करीब 800 सैनिक पोस्ट पर जुट गए थे। वहीं, चीन की तुलना में भारत के सैनिकों की संख्या काफी कम थी।
पेट्रोलिंग पॉइंट-14 के आस पास हुई झड़प
दोनों देशों की सेनाओं ने पीछे हटने पर हामी भरी थी। इस पूरी प्रक्रिया पर एक दूसरे पर दोनों देश अपनी नजर बनाए रखे थे। भारत की ओर से कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू अपने 10 साथियों के साथ पोस्ट खाली होने की प्रक्रिया पर नजर बनाए थे। चीन के करीब 20 सैनिकों को पीछे हटना था। लेकिन चीन के सैनिकों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया।
जब कमांडिंग ऑफिसर चीनी सेना के अफसर से बात कर रहे थे, उसी वक्त कुछ सैनिकों ने उन पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प शुरू हो गई।
गलवान नदी इस समय उफान पर है। दोनों सैनिकों के बीच झड़प भी नदी के किनारे हो रही थी। इस वजह से बड़ी संख्या में सैनिकों की नदी में बह कर मौत हो गई। झड़प के दौरान सैनिक घायल हो कर नदी में गिरे और बह गए।
धीरे धीरे जमा हुए चीन के 700-800 सैनिक
जब भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की तो कुछ देर में ही चीन की दूसरी टीम वहां पहुंच गई। इसके बाद दोनों देशों की टुकड़ियां वहां पहुंचती गईं। चीन के कुल 700-800 सैनिक वहां जमा हो गए। इसकी तुलना में भारत के कम सैनिक मौजूद थे।
सैनिक एक दूसरे पर लाठी, रॉड, लोहे की छड़ और पत्थर से हमला कर रहे थे। इसी दौरान भगदड़ के चलते अंधेरे में सैनिक गलवान नदी में गिर गए।
चीन के 40-50 सैनिक भी नदी में गिरे
रिज टूटने की वजह से चीन के 40-50 सैनिक भी खाई में गिर गए। कुछ भारतीय जवान अभी भी लापता हैं। अभी यह पता नहीं लग पाया है कि भारतीय जवान नदी में गिरे या चीनियों के कब्जे में हैं। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि चीन का एक कमांडिंग अफसर भी नदी में गिर गया।
इन सैनिकों ने समझौते के मुताबिक, पीछे हटने से इनकार कर दिया। जब भारत की ओर से कर्नल संतोष बाबू बातचीत कर रहे थे तो चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया। चीनी सैनिकों के पास रॉड, पत्थर थे। भारतीयों की तुलना में चीन के सैनिकों की संख्या 3-4 गुना थी।
दिल्ली और चीन के बीच चलती रही बातचीत
झड़प के बाद दोनों देशों के बीच कई स्तर की बातचीत भी होती रही। दिल्ली और बीजिंग के बीच भी बात हुई। उधर, 12 बजे मामला शांत होने के बाद दोनों सेनाएं अपने सैनिकों की तलाश करती रहीं।
मंगलवार को दोनों सेनाओं ने शीर्ष अफसरों को जानकारी दी। इसके बाद मामले को खत्म करने के लिए बातचीत शुरू हुई। उधर चीन के हेलिकॉप्टर अपने जवानों के शव लेने के लिए पहुंचे।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ओर से कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू चीनी पक्ष से सेनाएं हटाने को लेकर हुई बातचीत में शामिल थे। वे इस झड़प के 1 घंटे पहले तक चीनी अफसरों से बात करते रहे। सोमवार सुबह बात के आधार पर सहमति बनी थी कि चीनी सेना भारतीय क्षेत्र से हट जाएगी।
चीन ने भारत पर लगाए आरोप
उधर, चीन ने उल्टा भारत पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं। चीन का दावा है कि भारतीय सैनिकों ने दो बार सीमा पार की। इसके अलावा भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना पर हमला किया। इसके बाद यह झड़प हुई। हालांकि, नुकसान को लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की।