खुलेंगी भ्रष्टाचार की परतें, अब 20 दिसंबर तक न्यायिक रिमांड पर आरोपी
रायपुर।छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में हुए बड़े घोटाले की जांच के तहत, आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और व्यवसायी श्रवण गोयल को रायपुर की सीबीआई अदालत में पेश किया गया। दोनों आरोपियों को 20 दिसंबर तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। मामले में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और अनुचित तरीकों से सरकारी पदों की नियुक्तियों का आरोप है।
मुख्य आरोप
1.भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी: टामन सिंह सोनवानी पर आरोप है कि उन्होंने श्रवण गोयल से ₹45 लाख की रिश्वत ली। यह रिश्वत गोयल के बेटे और बहू को डिप्टी कलेक्टर पद पर नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए दी गई थी।
2.भाई-भतीजावाद: सीजीपीएससी की 2021 परीक्षा के दौरान अधिकारियों, नेताओं और व्यापारियों के रिश्तेदारों को उच्च पदों पर नियुक्त किया गया। कई आरोपों के अनुसार, मेरिट सूची में धांधली कर “परीक्षा के प्रश्नपत्र पहले उपलब्ध कराने” जैसे घोटाले हुए।
3.अन्य लोगों पर जांच: सीबीआई ने परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक से भी पूछताछ की है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मामले में और भी बड़े नामों की गिरफ्तारी हो सकती है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और प्रभाव
घोटाले के खुलासे ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। 2023 विधानसभा चुनावों में यह मामला एक बड़ा मुद्दा बना था। विपक्षी दल बीजेपी ने इस भ्रष्टाचार को कांग्रेस सरकार की विफलता के रूप में उभारा है।
आगे की जांच
सीबीआई ने अब तक कई बड़े खुलासे किए हैं और माना जा रहा है कि जांच के दायरे में और भी अधिकारी और राजनेता आ सकते हैं। परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग तेज हो गई है।