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CG NEWS : मिड-डे-मिल में बच्चों के सेहत के साथ खिलवाड़, बीमार बनाने षड़यंत्र!, सवालों के घेरे में शिक्षा विभाग

रायपुर। CG NEWS : प्रदेश के स्कूलों में बच्चों की सेहत के साथ गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पोषण शक्ति निर्माण योजना को खुलेआम चुनौती देते हुए स्कूलों में मिड-डे मील के लिए स्टेनलेस स्टील के बजाय एल्युमिनियम के बर्तनों की खरीदी की गई है। यह कदम न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि कई सवाल भी खड़े करता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने निविदा क्रमांक GEM/2025/B/6513185 के तहत एल्युमिनियम कुकर खरीदी का टेंडर क्यों जारी किया? क्या यह फैसला सिर्फ कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया?

गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने वर्ष 2024-25 में आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 20 हजार स्टेनलेस स्टील प्रेशर कुकर की खरीदी जेम पोर्टल से की है। जब यह विभाग बिना किसी परेशानी के स्टेनलेस स्टील का सामान खरीद सकता है, तो शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील में बच्चों के स्वास्थ्य को दरकिनार कर एल्युमिनियम क्यों चुना—यह सवाल स्वाभाविक है।

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CG NEWS : उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मिड-डे मील योजना में एल्युमिनियम की जगह स्टेनलेस स्टील को अपनाने का फैसला किया है। वहीं, छत्तीसगढ़ में इसका उल्टा निर्णय चिंता पैदा करता है।

 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि एल्युमिनियम के बर्तनों में अम्लीय (खट्टे) या क्षारीय भोजन पकाने से धातु के कण भोजन में घुल जाते हैं। लंबे समय तक ऐसा भोजन खाने से बच्चों को पाचन संबंधी समस्याएं, हड्डियों की कमजोरी और तंत्रिका तंत्र पर बुरा असर हो सकता है। कुछ शोधों में एल्युमिनियम को अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों से भी जोड़ा गया है।

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राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) की रिपोर्ट भी चेतावनी देती है कि लगातार एल्युमिनियम से बने बर्तनों में बना भोजन बच्चों की वृद्धि और स्मरण शक्ति पर नकारात्मक असर डाल सकता है। इसी को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने राज्यों को सुरक्षित धातु के बर्तनों के इस्तेमाल की सलाह दी थी।

 

अधिकारियों के अनुसार, स्टेनलेस स्टील स्वास्थ्य की दृष्टि से न केवल सुरक्षित है बल्कि टिकाऊ और साफ करने में भी आसान है। इससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है।


 

एल्युमिनियम बर्तनों से जुड़े खतरे

एल्युमिनियम हल्की धातु है, लेकिन यह खट्टे (टमाटर, नींबू, इमली) और क्षारीय भोजन के साथ प्रतिक्रिया करती है। इस प्रक्रिया में एल्युमिनियम के कण खाने में मिल जाते हैं। लगातार ऐसा खाना खाने से:

* पाचन तंत्र प्रभावित होता है
* लीवर और किडनी पर दबाव बढ़ता है
* हड्डियां कमजोर हो जाती हैं
* याददाश्त पर असर पड़ता है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

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