विधानसभा सचिवालय ने मंडावी के निधन की सूचना निर्वाचन आयोग को भेजी, भानुप्रतापपुर में होगा उपचुनाव
रायपुर, विधानसभा सचिवालय ने विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन की अधिसूचना भी जारी कर दी है। साथ ही इसकी सूचना विधानसभा ने निर्वाचन आयोग को भेज दी है। इसकेसाथ ही उनके निधन रिक्त हुई भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। गौर हो कि विधायक या सांसद के निधन के छह माह के भीतर उपचुनाव कराना आवश्यक होता है।
विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा ने बताया कि मंडावी का निधन 16 अक्टूबर को हो गया है, जिसके कारण विधानसभा उपाध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है। विधानसभा की अधिसूचना जारी करने के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही भानुप्रतापपुर क्षेत्र में उपचुनाव की भी तैयारी शुरू हो गई है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह पांचवां उपचुनाव होगा। इससे पहले चित्रकोट विधायक दीपक बैज के बस्तर सांसद चुने जाने के बाद वहां उपचुनाव हुआ। फिर दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हत्या के बाद उपचुनाव हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ में उपचुनाव हुआ।
भानुप्रतापपुर उपचुनाव को कांग्रेस सरकार के कामकाज के लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अस्र्ण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के राजनीतिक कौशल की भी परीक्षा होगी।
पिछले पांच चुनाव से मंडावी थे कांग्रेस उम्मीदवार
मनोज मंडावी को कांग्रेस ने पहली बार वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। 1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की गंगा पोटाई को भाजपा के देवलाल दुग्गा से हार का सामना करना पड़ा था। देवलाल को मंडावी ने 1998 में हराया। इसके बाद दो चुनाव मंडावी हार गए। 2003 में भाजपा के देवलाल दुग्गा और 2008 में ब्रम्हानंद नेताम विधायक चुने गए। इसके बाद 2013 और 2018 में मनोज मंडावी ने जीत दर्ज की।