इसरो ने रचा इतिहास, Aditya L1 आसमान को चीरते सूरज की ओर किया प्रस्थान
सैटेलाइट Aditya-L1 मिशन की सफल लॉन्चिंग हो गई है. इसरो के सबसे भरोसेमंद रॉकेट PSLV-XL आदित्य को उसके तय ऑर्बिट में छोड़ने निकल चुका है. लॉन्च के करीब एक घंटे बाद Aditya-L1 अपनी तय कक्षा में पहुंचेगा. जिसके बाद 16 दिन धरती के चारों ओर पांच चक्कर लगाकर सही गति मिलते ही सीधे L1 की तरफ निकल जाएगा.
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब इसरो सूर्य का अध्ययन के लिए तैयार है। इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली भारतीय सैटेलाइट आदित्य-L1 को श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश) से आज 11:50 बजे लॉन्च कर दिया गया.
आदित्य-L1 का वजन 1480.7 किलोग्राम है. लॉन्च के करीब 64 मिनट बाद रॉकेट से आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट अलग हो जाएगा. यह इस रॉकेट की सबसे लंबी उड़ानों में से एक है.
इस मिशन में क्या है खास?
सूर्य मिशन प्रथम भारतीय मिशन होगा जो सूर्य के तापमान, ओजोन परत(O3) पर पड़ने वाले प्रभाव, पैराबैगनी किरणों का विस्तार पूर्वक अध्ययन करेगा। ये सैटेलाइट लॉन्च के 120-125 दिन बाद धरती से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित एक खास जगह लैंग्रेज प्वाइंट यानी L-1 पर पहुंचेगा।
ये मिशन जलवायु पर पड़ने वाले प्रभाव और पृथ्वी पर सौर गतिविधियों के पड़ने वाले प्रभावों को सामने लायेगा। मिली जानकारी के अनुसार, आदित्य एल1 फोटोस्फेयर (यानी सूर्य का वो हिस्सा जो देखते हैं) और क्रोमोस्फेयर (फोटोस्फेयर का बाहरी हिस्सा) का अध्यय करेगा।