नौकरी दिलाने के नाम पर खोला बैंक खाता, फिर ट्रांसफर कर दिए ऑनलाइन सट्टे का लाखों रुपए…
रायपुर। नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों के दस्तावेज लेकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए गए। इसके बाद उसमें लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया। ये राशि ऑनलाइन सट्टे से जुड़ा बताया जा रहा है, लेकिन आजाद चौक पुलिस इसका खुलासा नहीं कर रही है। मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक सट्टेबाजों का बड़ा रैकेट है, जो सट्टे की काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए इन बैंक खातों का इस्तेमाल कर रही थी।
पुलिस के मुताबिक गुलशन विश्वकर्मा को मकरंदा मेहर ने सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया। गुलशन इसके लिए राजी हो गया। इसके बाद उसके नाम से फेडरल बैंक में खाता खुलवाया। इस दौरान उसका पासबुक और एटीएम मकरंदा ने ही रख लिया। करीब दो माह बाद बैंक का नोटिस गुलशन को मिला। खाते में लाखों रुपए का लेन-देन होने के संबंध में नोटिस भेजा गया था। गुलशन ने इसकी शिकायत आजादचौक थाने में की। पुलिस ने मकरंदा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इसके बाद उसे गिरतार कर लिया।
कई खाते खुलवाए
आरोपी ने गुलशन के अलावा उसके दोस्त लेश कुमार रेगे, मुकेश नेताम का भी खाता खुलवाया गया है। उन बैंक खातों में भी लाखों रुपए का अवैध लेनदेन किया गया है। इसके अलावा कई युवकों के नाम से बैंक खाते खुलवाए जाने का पता चला है।
सट्टा या हवाला कारोबार
इस तरह के बैंक खाते खुलावा कर ऑनलाइन सट्टे की काली कमाई को ठिकाने लगाया जाता है। सट्टा और ऑनलाइन ठगी का पैसा खपाने के लिए बड़े पैमाने पर इस तरह दूसरों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मामले में भी आशंका है कि सट्टेबाजों का बड़ा नेटवर्क है। उन्हीं के लिए इन बैंक खातों को दिया गया था।
आरोपी पकड़ा गया, पुलिस को जानकारी नहीं
इस मामले में बैंक खाता खुलवाने वाले मकरंदा को पुलिस ने पकड़ लिया है, लेकिन आजाद चौक पुलिस को अब तक यह नहीं पता चल पाया है कि इन खातों में किसने पैसा जमा किया और किसने निकाला। गौरतलब है कि तीनों बैक खाते के पासबुक और एटीएम मकरंदा के पास हैं। उन पासबुक और एटीएम कार्ड के स्टेटमेंट से ही पुलिस को काफी जानकारी मिल जाती है, लेकिन आजाद चौक पुलिस को नहीं मिल पाई है।
इस तरह का मामला आमानाका इलाके में हवाला के करोड़ों रुपए मिलने पर भी हुआ था। उस समय भी पुलिस जब्त रकम में जांच के नाम पर पर्दा डाल रही थी। सीएसपी स्तर के अधिकारी भी इस संबंध में कुछ नहीं बता रहे थे। अब दूसरों के बैंक खातों में लाखों रुपए ट्रांजेक्शन के मामले भी यही रवैया सामने आया है।