एक मार्च से बोर्ड परीक्षा की शुरूआत, 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं होंगे शामिल
कवर्धा। जिले में 74 हाई और 78 शासकीय हायर सेकंडरी स्कूलें हैं। बोर्ड परीक्षा को लेकर जिले में 75 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर शासकीय और निजी विद्यालयों के कुल 20 हजार 698 विद्यार्थी परीक्षा दिलाएंगे। कक्षा 10 वीं में 12 हजार 222 छात्र-छात्राएं और कक्षा 12 वीं 8 हजार 476 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। इस तरह इन स्कूलों में दोनों कक्षाओं को मिलाकर 20698 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है, जो बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। 10 वीं की बोर्ड परीक्षा 2 मार्च से शुरू होगी, जो 21 मार्च तक चलेगा। वहीं 12 वीं की बोर्ड परीक्षा 1 मार्च से शुरू होगी।
हाई और हायर सेकंडरी स्कूल का बोर्ड परीक्षा 1 और 2 मार्च से आयोजित होंगे। बोर्ड परीक्षा को लेकर गोपनीय सामग्री वितरण दो पाली में शनिवार को किया गया। सुबह से ही अलग-अलग स्कूल के शिक्षक गोपनीय सामग्री लेने के लिए स्वामी करपात्री जी स्कूल परिसर पहुंच गए थे। जिसे नजदीक थाना में सुरक्षित रखा जाएगा। परीक्षा की तिथि नजदीक आते ही शिक्षा विभाग तैयारी में जुटे हुए हैं। इस बार बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट सुधारने के लिए शिक्षकों पर दबाव काफी बढ़ गया है।
20698 छात्र-छात्राएं होंगे शामिल
जिले में 74 हाई और 78 शासकीय हायर सेकंडरी स्कूलें हैं। वहीं अशासकीय विद्यालय की बात करे तो 30 हाई स्कूल और 30 हायर सेकण्डरी स्कूलें है। इन स्कूलों में दोनों कक्षाओं को मिलाकर 20698 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है, जो बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे, लेकिन समस्या इस बात की है कि जिले के कई शासकीय हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में रसायन शास्त्र, गणित, अंग्रेजी समेत महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के पद खाली है। ऐसे में शिक्षकों की कमी छात्र-छात्राओं और पालकों को भारी पड़ने वाला है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा में छात्र-छात्राओं का परीक्षा परफार्मेंस गड़बड़ा सकता है।
छग माध्यमक शिक्षा मंडल द्वारा जारी समय सारिणी के अनुसार 10 वीं की बोर्ड परीक्षा 3 मार्च से शुरू होगी, जो 24 मार्च तक चलेगा। पहला पर्चा हिन्दी का होगा। दूसरा पर्चा अंग्रेजी का 5 मार्च को होगा। तीसरा पर्चा 7 मार्च को गणित का होगा। अन्य पर्चों के परीक्षा के लिए भी छात्र-छात्राओं को परीक्षा की तैयारी के लिए अवकाश मिलेगा। जबकि 12 वीं की बोर्ड परीक्षा 1 मार्च से शुरू होगी और 28 मार्च तक चलेगा। पहले पर्चे के बाद 2 दिन का अवकाश मिलेगा।
शिक्षक की कमी
पिछले कुछ सालों से रिजल्ट खराब आने से इस साल रिजल्ट में सुधार करने को लेकर शिक्षकों पर दबाव काफी बढ़ गया है। शिक्षा विभाग की ओर से भी उपचारात्मक शिक्षा के अंतर्गत अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि इस अभियान से शिक्षा के स्तर में काफी सुधार तो हुआ है, लेकिन जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जो परेशानी का सबब है।