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सचिवों-कलेक्टरों से बोले सीएम: धान बेचने वाले किसानों को नहीं होनी चाहिए परेशानी

रायपुर  एक नवंबर से होने जा रही धान की खरीदी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को अपने निवास कार्यालय में समीक्षा बैठक ली। प्रभारी सचिवों और कलेक्टरों की बैठक में मुख्यमंत्री बघेल ने दो टूक कह दिया है कि धान बेचने वाले किसानों को समितियां और उपार्जन केंद्रों में किसी भी तरह की परेशान नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा धान खरीदी की सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में जिलों के प्रभारी सचिव और कलेक्टर मुस्तैद रहें।

उन्होंने कहा कि समिति स्तर पर एक नवंबर को किसानों की बैठक ली जाए और किसानों से धान आवागमन की प्लानिंग समिति स्तर पर की जाए। प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के कारण धान कटाई पूरे तरीके से शुरू नही हुई है। किसानों को धान को सुखाकर लाने के लिए सेंसिटाईस करें, ताकि उन्हें धान बेचने में परेशानी न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष खरीदे जाने वाले धान में नमी का प्रतिशत 17 प्रतिशत से कम होना चाहिए। इसका किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने धान की मिलिंग के लिए राईस मिलों के पंजीयन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी., मुख्यमंत्री के सचिव डीडी सिंह, खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा, मुख्यमंत्री के उप सचिव सौम्या चौरसिया समेत अन्य मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में किसानों के पंजीयन की स्थिति, बारदाना व्यवस्था, धान परिवहन की तैयारियों, संग्रह केंद्रों में की गई तैयारियों और मिलों के पंजीयन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जांच चौकियां सक्रियता से काम करें।

पंजीकृत किसानों और धान के रकबे में बढ़ोतरी

खरीफ वर्ष 2022-23 में एक लाख 29 हजार नए किसानों के एक लाख नौ हजार हेक्टेयर रकबे का नवीन पंजीयन किया गया है। इस प्रकार खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी के लिए 25 लाख 23 हजार किसानों के 29.42 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया जा चुका है। गौरतलब है कि पिछले खरीफ वर्ष में धान खरीदी के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 24 लाख 5 हजार थी।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि धान खरीदी के लिए वर्तमान में लगभग तीन लाख 92 हजार गठान नए, पुराने बारदाने उपलब्ध हो चुके हैं। इसके अलावा नए बारदानों की प्राप्ति और पुराने बारदानों के संकलन एवं सत्यापन का कार्य सतत रूप से प्रक्रियाधीन है। राज्य स्तरीय समिति के निर्णय के अनुसार सभी जिलों में धान परिवहन के लिए परिवहनकर्ताओं से अनुबंध किया जा चुका है, साथ ही धान परिवहन के लिए अन्य आवश्यक तैयारियां भी पूर्ण की जा चुकी हैं।

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