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बस नहीं आने से पढ़ाई प्रभावित, किसानों को धान ले जाने में होगी समस्या

जनपद और राजस्व अनुविभाग मुख्यालय प्रतापपुर से ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों की हालत खस्ताहाल हो चुकी है। इससे लोगों का पैदल चलना भी मुहाल हो गया है। इसके साथ ही प्रतापपुर से अंबिकापुर और बनारस राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर थाना के सामने से चंदौरा से जोड़ने वाले सड़कों का हालत भी भगवान भरोसे हीं है।

इन सड़कों को ठीक कराने के लिए स्थानीय स्तर पर कई बार चक्का जाम भी किया गया, लेकिन राहत की बजाय सिर्फ आश्वासन ही मिला। कई बार तो अधिकारियों ने लिखित भी आश्वासन दिया, लेकिन सड़कों की स्थिति अब भी वही है। पानी गिरने से सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। इससे राहगीर भी भगवान भरोसे ही गाड़ी सड़कों पर चला रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि प्रशासन सड़कों की मरम्मत जल्द नहीं कराई जाती है तो आंदोलन किया जाएगा।

बस नहीं आने से विद्यार्थियों की पढ़ाई भी हो रही प्रभावित
प्रदेश के शिक्षा मंत्री के गृह नगर प्रतापपुर से लगे क्षेत्र में सड़कों की खराब हालत के कारण कई यात्री बस प्रभावित मार्गों से जाना ही बंद कर दिए हैं। इससे नगरवासियों को जिला मुख्यालय भी पहुंचने में पसीने छूट रहे है। वहीं स्कूली बस के रूट में बदलाव के कारण कई बच्चों की भी पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। कभी-कभी तो गड्ढों भरी सड़कों पर बच्चे गिर भी जाते हैं। वहीं पहले निजी बसों के माध्यम से बच्चे स्कूल जाता करते थे, लेकिन अब सड़कों की खराब स्थिति के कारण वें भी बंद हो गई है।

खरीदी केंद्रों तक फसल ले जाना बड़ी चुनौती
ग्रामीण इलाकों के साथ मुख्य मार्ग पर भी सड़कों पर दो तीन फीट तक गड्ढे होने के कारण वाहनों का आवाजाही भी प्रभावित हुई है। कई बार छोटे वाहन गड्ढाें में ही फंस जाते हैं। वहीं भारी वाहनों के चलने के कारण सड़कों पर और भी बड़े गड्ढे हो चुके हैं। इससे किसानों को अपनी फसल बेचने जिला मुख्यालय या दूसरी जगहों पर जाने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इलाके के किसान कृषि उत्पादों को खरीदी केंद्रों तक कैसे लेकर जाएं, इस बात से चिंतित नजर आ रहे हैं।

लिखित आश्वासन, फिर भी नहीं बनी सड़क
धूल, गड्ढों और कीचड़ से परेशान क्षेत्र की जनता वर्षों से राज्य सरकार से सड़क बनाने की मांग कर रही है, पर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है। विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों के बैनर तले कई बार मोरन चौक, चंदौरा चौक, प्रतापपुर नगर पंचायत के शांति नगर चौक और केरता चौक पर चक्का जाम कर चुके है,पर राज्य सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों ने आश्वासन देने के बावजूद आज तक सड़कों की मरम्मत नहीं कराई।

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