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रहस्यमयी बीमारी के आतंक से लोगो मे दहशत; पढ़िये पूरी खबर …

सुकमा –  छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक रहस्यमयी बीमारी के आतंक से लोग दहशत में हैं। इस बीमारी से अब तक 3 साल में 61 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात को देखते हुए सुकमा कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए जिला स्तरीय टीम बनाई है। फिलहाल जांच टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। यहां कई परिवारों ऐसे भी हैं, जिनके कई सदस्य इस बीमारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं।

हाथ पैरों में सूजन है लक्षण –

सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के रेगड़गट्टा पंचायत में इन दिनों दहशत का माहौल है। दरअसल रेगड़गट्टा पंचायत में कुल चार पारा हैं, जिनमें कुम्हारपारा, स्कूलपारा, पटेलपारा, ताड़गुड़ा और आश्रित गांव मूसलमड़गु हैं। यहां पर कई लोग बीमार हैं। वहीं कई लोग मौत के आगोश में समा चुके हैं। सबसे दुखभरी कहानी 11 साल के बच्चे पोडियाम हांदा की है, जिसने दो महीने के भीतर अपने मां-बाप, भाई और बहन को खो दिया है। सभी की रहस्यमयी बीमारी से मौत हो गई है। पहले पोडियाम हांदा के पिता पोडियाम जोगा की मौत हुई। इसके बाद मां हिड़मे और बहन धनी की एक ही दिन में मौत हो गई. बाद में भाई बुदरा की भी मौत हो गई। सभी लोगों के हाथों-पैरों में सूजन हुई और बाद में मौत हो गई।

ग्रामीणों का कहना है कि लोगों में पहले हाथ-पैर में सूजन की समस्या होती है और उसके बाद पेट फूलने की शिकायत होती है। इसके बाद मरीजों की हालात गंभीर होती चली जाती है और आखिरकार मरीज की मौत हो जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि वह इसे लेकर जिला मुख्यालय में ज्ञापन भी दे चुके हैं। इस ज्ञापन में बीते 3 सालों में मरे सभी 61 लोगों के नाम दर्ज हैं। ज्ञापन में जानकारी दी गई है कि साल 2020 में 18 लोगों की मौत हुई। वहीं 2021 में 19 और 2022 में अभी तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि इस रहस्यमयी बीमारी के चलते अब उनके सगे संबंधियों ने भी उनके यहां आना बंद कर दिया है। सरपंच भी कभी नहीं आता और पंचायत सचिव भी सिर्फ दो बार ही गांव आया है। कई बार सूचना देने के बाद भी किसी ने इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। मई महीने में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव आकर लोगों के सैंपल लिए थे लेकिन सैंपल लेने के बाद गांव वालों को कोई जानकारी नहीं दी गई।

अब जिले के नवपदस्थ कलेक्टर हरीश एस ने मामले की जांच के लिए जिला स्तर पर एक टीम गठित की है। इस टीम में सीएमएचओ, बीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग का अमला भी है। फिलहाल जांच टीम गांव पहुंची है और इस रहस्यमयी बीमारी की जांच में जुटी है। सीएमएचओ यशवंत धुर्वे ने बताया कि सैंपल होने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा।

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