सिंहदेव पर बृजमोहन का तीखा वार :पूछा सवाल – “संवैधानिक संकट है.. मंत्री सिंहदेव अब सरकार का हिस्सा हैं या नहीं है.. उनका जाना विशेषाधिकार हनन का मसला है..सरकार अब नहीं है”
रायपुर। सीसीटीवी मुद्दे पर आसंदी से आई व्यवस्था के बाद विशेषाधिकार मुद्दे पर विपक्ष के तीर मंत्री सिंहदेव तक बेहद सफलता से पहुँच गए। वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने संविधान संवैधानिक व्यवस्था विधायिका मंत्री पद की शपथ सबका उल्लेख करते हुए सदन में कहा“मंत्री सिंहदेव का जाना विशेषाधिकार हनन का मसला बनता है.. इसके साथ साथ मंत्री सिंहदेव अपनी सरकार पर अविश्वास प्रकट कर चले गए.. क्या अब वो सरकार का हिस्सा नहीं है.. क्या आसंदी तक उक्ताशय की कोई सूचना पहुँची है ?”
वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल के तेवर बेहद तीखे थे, और वे तथ्यों के साथ बातों को कहते हुए मंत्री सिंहदेव के जाने को प्रश्नांकित करते रहे।
इस पर आसंदी से डॉ महंत ने कहा“उनके कल के उद्बोधन को पढ़ने को मैंने आपको कहा, उसमें लिखा है तब तक के लिए जब तक कि सरकार स्थिति स्पष्ट नहीं करती तो सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट कर दे रही है”
लेकिन वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल के तेवर तल्ख़ बने रहे और उन्होंने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए इस पर मार्गदर्शन माँगा, इसके बाद देर तक हंगामा होते रहा।
सदन से जाने के मसले पर व्यवस्था का प्रश्न उठाने पर लोकसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी का ज़िक्र हुआ, जिस पर सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा
“आडवाणी जी ने इस्तीफ़ा दिया था.. वो मामला अलग था ये मामला अलग है”
इस मुद्दे पर पहले पाँच मिनट तक सदन की कार्यवाही रोकी गई और फिर जब कार्यवाही शुरु हुई तो वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने फिर संवैधानिक संकट का मुद्दा उठा दिया, इस बीच आसंदी से सदस्य विनय जायसवाल को प्रश्न पूछने के लिए पुकारा गया, लेकिन शोर के बीच विनय प्रश्न ही नहीं पढ़ पाए.. हंगामा फिर बढा और सदन की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए रोक दी गई।