छत्तीसगढ़ सरकार की लापरवाही से महतारी एक्सप्रेस 102 बंद होने की कगार पर
अमित दुबे -बिलासपुर |छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है ? यह किसी से छुपा नहीं है और इसके बावजूद 2013 से चल रही 102 महतारी एक्सप्रेस, जो कि जीवीके ई एम आर आई अर्थात इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट संस्था द्वारा छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से घर व घर से अस्पताल लाने-ले जाने का काम बखूबी करती आ रही थी और यह सेवा 2013 से निरंतर गरीब और जरूरतमंदों की सेवा करती आ रही है। इस कोरोना वैश्विक महामारी में भी मरीजों को लाने ले जाने का काम अतिरिक्त रूप से भी करती आ रही है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार 2018 से इनको पूर्ण भुगतान नहीं कर रही है। जिसकी वजह से 235 महतारी एक्सप्रेस में लगभग 1700 कर्मचारी जो काम कर रहे हैं उनके सामने जीने मरने का प्रश्न आ खड़ा हुआ है। इसलिए जीवीके ई एम आर आई कंपनी ने 31 जुलाई के बाद अपने सभी कर्मचारियों को नोटिस दे दिया है कि इसके बाद वह अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएगी। इसलिए आप सभी की सेवाएं 31 जुलाई के बाद से समाप्त की जा रही हैं।
जबकि कंपनी ने बार-बार छत्तीसगढ़ शासन को अपने बिल के भुगतान के लिए होने वाली परेशानियों के बारे में अवगत कराते आ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और ना ही प्रदेश के मुख्यमंत्री इस बारे में संवेदनशील है। जो स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठकर चर्चा करके यह आवश्यक सेवा को बंद होने से रोक सके। क्योंकि इसका सीधा असर गरीब व लाचार ज्यादातर गांव परिवेश में रहने वाले लोगों पर पड़ेगा। लेकिन राज्य सरकार अंधी और बहरी हो चुकी है जो इनको इतनी बड़ी समस्या 2018 से दिखाई नहीं पड़ रही है। इस बारे में डॉ मनीष राय राष्ट्रीय महामंत्री संगठन, दुर्घटना मुक्त भारत, माधव नेत्रालय नागपुर व समाजसेवी से जब पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस बारे में क्या कर सकती है? तो उन्होंने कहा कि यह मामला 2017 से लंबित है, उस समय भी स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने जीवीके कंपनी की जगह किसी दूसरी कंपनी को लाने की बात कही थी। मगर आपसी सांठगांठ कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया था और यही सब 2018 में जब कांग्रेस सरकार आई तब भी सांठगांठ कर प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को ना समझते हुए बिल भुगतान में जानबूझकर लापरवाही और भ्रष्टाचार किया। जिससे आज 102 महतारी एक्सप्रेस बंद होने की कगार पर आ चुकी है। इससे पता चलता है की भूपेश सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन सरकार है। इनको ना जनता की फिक्र है और ना ही प्रदेश की । इनको तो बस कोरोना महामारी के बहाने बयानबाजी करना है और केंद्र को हजारों लाखों चिट्ठियां भेजना है और कोसते रहना है। इसी के पीछे अनाप-शनाप पैसों की मांग करके लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करते जाना है। क्योंकि इनके पास प्रदेश के विकास के लिए ना ही कोई दूरदर्शी योजना है और ना भविष्य के लिए युवाओं के प्रति कोई जिम्मेदारी है। श्री राय ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह रवैया जनता के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होने वाला है और ईश्वर ही जाने की आने वाला समय छत्तीसगढ़ के लिए कितना भयानक होगा इसकी कल्पना से ही डर लगता है।