कोरोना को मात देने आ रहा वैक्सीन, इस साल दिसंबर के अंत तक दुनिया के 10 फीसदी आबादी को मिलेगा लाभ.
नईदिल्ली| कोरोना वायरस का कहर अब भी दुनियाभर में जारी है। वैज्ञानिक और मेडिकल एक्सपर्ट्स दिन रात काम कर कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए असरदार वैक्सीन विकसित करना चाहते हैं। दुनिया भर में परीक्षणों के विभिन्न चरणों में 160 से अधिक वैक्सीन उम्मीदवार हैं और 30 से अधिक संभावित वैक्सीन मानव परीक्षणों के महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुके हैं। टीका बनाने की दौड़ में आगे चल रहीं कंपनियां दिसंबर के अंत तक 70 से 75 करोड़ खुराक तैयार कर सकती हैं। यह दुनिया की करीब दस फीसदी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त होगा।
हाल ही की रिपोर्ट्स देखें, तो ‘द वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स’ द्वारा विकसित निष्क्रिय वैक्सीन इस साल दिसंबर के अंत तक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हो सकती है। इस वक्त ये चीनी वैक्सीन मानव परीक्षण के तीसरे चरण में है, जो कि वैक्सीन उम्मीदवार को विनियामक अनुमोदन दिए जाने से पहले महत्वपूर्ण, अंतिम चरण परीक्षण है।
टीके की दौड़ में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका, रूस का गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट और चीन की सिनोवैक शामिल हैं। जर्मन कंपनी बायोनटेक के साथ टीका बना रही फाइजर ने भी शुक्रवार को कहा कि वह टीके के परीक्षण के नतीजे अक्तूबर के अंत तक समीक्षा के लिए नियामक एजेंसी को सौंप सकती है। अगर मंजूरी मिलती है तो दिसंबर तक वह दस करोड़ खुराक भी तैयार कर लेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अक्तूबर के लक्ष्य से फाइजर भी सबसे तेज टीका तैयार कर रही कंपनियों में शुमार हो गई है। फाइजर ने अमेरिका के लिए दस करोड़ खुराक तैयार करने के लिए अमेरिकी सरकार से दो अरब डॉलर का समझौता भी किया है।
जॉनसन एंड जॉनसन का अंतिम परीक्षण सितंबर से
अमेरिकी फॉर्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के तीसरे चरण का परीक्षण सितंबर से शुरू होगा। कंपनी 180 जगहों पर 18 साल से ज्यादा उम्र के 60 हजार लोगों पर टीके का ट्रायल करेगी। कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. पॉल का कहना है कि हम निश्चित समयसीमा पर परीक्षण पूरे करेंगे।
रूस 40 हजार परीक्षण शुरू करेगा
रूस के गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट स्पूतनिक वी टीके के तीसरे चरण का परीक्षण 40 हजार वालंटियर पर करेगा। हालांकि उसने पहले ही सितंबर से टीके के उत्पादन का निर्णय़ कर लिया है। शुरुआती दौर में स्वास्थ्यकर्मियों के बाद जनवरी से आम जनता में टीकाकरण शुरू होगा। संस्थान के उप निदेशक डॉ. डेनिस लोगुनोव ने कहा कि इससे हम टीके की प्रतिरोधी क्षमता का आकलन कर पाएंगे।
अमेरिका में ऑपरेशन वॉर्प स्पीड
अमेरिकी सरकार ने ऑपरेशन वॉर्प स्पीड के तहत छह से ज्यादा कंपनियों से टीके की करीब डेढ़ अरब खुराक पाने का समझौता किया है। इस पर उसने 11 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इनमें एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना, जेएंडजे शामिल हैं।
साल के अंत तक कहां कितने टीके बनेंगे—
10 करोड़ टीके तैयार कर लेगी फाइजर बायोनटेक साल के अंत तक
30 करोड़ वैक्सीन तैयार कर सकती है सीरम दिसंबर तक
10 से 15 करोड़ टीके तैयार कर लेगी मॉडर्ना साल के अंत तक
50 लाख से एक करोड़ टीके प्रति माह रूस का गामेलया संस्थान
01 से 03 करोड़ खुराक प्रति माह तैयार करेगी चीन की कैनसिनो
सिनोवैक दिसंबर तक प्रति माह तीन करोड़ डोज तैयार करेगी
अमेरिका में चुनाव से पहले टीके बनाने पर घमासान
अमेरिका में चार नवंबर के चुनाव से पहले टीका तैयार करने की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुहिम को लेकर घमासान मच गया है। टीके को मंजूरी देने वाली फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(एफडीए) के अधिकारियों ने कहा है कि अगर क्षमता का आकलन किए बिना रबरस्टांप की तरह वैक्सीन को हरी झंडी दी गई वे इस्तीफा दे देंगे।
ट्रंप खुद कह चुके हैं कि तीन नवंबर को चुनाव के पहले टीका आ सकता है। एफडीए के सेंटर ऑफ बायोलॉजिक्स इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के निदेशक पीटर मार्क्स ने शुक्रवार को खुले तौर पर यह धमकी दी। पिछले हफ्ते तमाम सरकारी अधिकारियों, दवा कंपनियों के सीईओ और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने चिंता जताई थी कि रूस की तरह अमेरिका में भी मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए टीके को मंजूरी की आशंका है। ये सभी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैक्सीन कार्यसमूह में शामिल हैं, जिन पर टीका बनाने का दारोमदार है।
विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि चुनाव में लाभ के लिए ट्रंप प्रशासन एफडीए पर दबाव बना रहा है कि नवंबर के पहले किसी न किसी टीके को मंजूरी मिल जाए, फिर चाहे क्लीनिकल ट्रायल पूरे हो या नहीं। मार्क्स ने कहा कि असुरक्षित और बेअसर टीके को बिना वैज्ञानिक परीक्षणों के उतारा गया तो वह पद छोड़ने में एक पल की देरी भी नहीं करेंगे। स्वास्थ्य विभाग में सहायक सचिव माइकेल कैपुटो ने भी कहा कि वैक्सीन को लेकर राजनीतिक दबाव एफडीए की अहमियत को गिराएगा, जो विश्व में प्रतिष्ठित है।
वालंटियर को नुकसान पर दावे का दस फीसदी ही मिला
अमेरिका में टीके के परीक्षण में जिन वालंटियर की सेहत को नुकसान पहुंचा, उन्हें दावे की रकम का महज दस फीसदी ही भुगतान किया गया। अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के अधीन टीके के मानव परीक्षणों पर नुकसान नजर रखने वाली संस्था सीआईसीपी ने यह खुलासा किया है। अमेरिका में चल रहे 16 टीकों के परीक्षण से शारीरिक दुष्प्रभाव झेलने वाले स्वयंसेवकों ने सरकार से यह मुआवजा मांगा था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना का टीका इसमें शामिल है या नहीं।
बिना मंजूरी वैक्सीन देने पर घिरा चीन
पापुआ न्यू गिनी में एक चीनी खनन कंपनी ने दावा किया कि कोविड के एक टीके के परीक्षण में उसके कर्मचारियों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है। इस खुलासे के बाद देश के स्वास्थ्य मंत्री पापुआ जेल्टा वोंग ने कहा कि उनका विभाग रामु निको मैनेजमेंट कंपनी के दावों की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 टीके के परीक्षण पर प्रतिबंध है। इस बारे में चीन से जवाब मांगा जाएगा। चीन के 48 कर्मचारियों को दस अगस्त को कोरोना वायरस का टीका दिया गया है।