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छत्‍तीसगढ़ के विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में फेल:

रायपुर – छत्‍तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सरकार भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन नैक मूल्यांकन की कसौटी पर सरकारी विश्वविद्यालय खरे नहीं उतर पा रहे हैं। विडंबना है कि राज्य के 562 कालेजों की शिक्षा की कमान संभालने वाले नौ शासकीय विश्वविद्यालय में सात के पास नैक ग्रेडिंग ही नहीं है। जबकि स्तरीय शिक्षा, गुणवत्ता जैसे अन्य बिंदुओं खरा नहीं उतर पाने पर सरगुजा और बस्तर विश्वविद्यालय को ग्रेड सी मिला हुआ है।

शिक्षाविदों के अनुसार नैक मूल्यांकन के दौरान विश्वविद्यालयों में हो रहे नवाचार, शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए किए जा रहे प्रयासों जैसे शोध, सेमिनार, छात्रों की करियर प्लानिंग, प्लेसमेंट को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा होती है। वहीं पाठ्यक्रम और कार्य योजनाएं, समाज के ज्वलंत मुद्दों पर हुए कार्यों को भी देखा जाता है। इसके अलावा अन्य बिंदु हैं जिन पर संस्थानों आकलन किया जाता है। नैक मूल्यांकन में जो कमियां सामने आती हैं, उसे दुरुस्त करने के लिए विश्वविद्यालयों में योजनाबद्ध कार्य नहीं हो पाता है। विश्वविद्यालयों में इच्छाशक्ति की कमी नैक मूल्यांकन में राज्य के पिछड़े होने की बड़ी वजह मानी जा रही है।

कालेजों की स्थिति भी ठीक नहीं

उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार राज्य में 279 निजी कालेज संचालित हैं। इनमें सिर्फ 20 कालेजों ने नैक ग्रेडिंग कराई है। जबकि 211 शासकीय कालेजों में 109 कालेजों की ग्रेडिंग हो चुकी है। इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन व शिक्षा गुणवत्ता में पिछड़े निजी कालेजों की स्थिति काफी खराब है। वहीं शासकीय में भी सुधार की जरूरत है।

नैक मूल्यांकन को जानें

कालेजों और विश्वविद्यालयों का प्रत्येक पांच वर्ष में नैक की टीम मूल्यांकन करती है। यह केंद्रीय टीम शिक्षा की गुणवत्ता और अध्ययन सुविधाओं के पैमाने पर संस्थानों परखती है। नैक द्वारा ए डबल प्लस, ए प्लस ए, ए, बी डबल प्लस, बी प्लस बी, बी और सी ग्रेडिंग दी जाती है। इस ग्रेडिंग के आधार पर ही केंद्र से अनुदान दिया जाता है।

शिक्षाविदों ने कहा

-नैक मूल्यांकन प्रत्येक विश्वविद्यालय, कालेज के लिए बेहद जरूरी है। संस्थानों को मूल्यांकन के लिए तय प्रत्येक पैमाने पर खुद को बेहतर करना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता समेत अन्य कमियों को दूर कर हम बेहतर हो सकते हैं। शासन को भी इस पर ध्यान देना जरूरी है।

-नैक ग्रेडिंग का मूल कांसेप्ट शिक्षा की गुणवत्ता और शोध है। बेहतर करने के लिए इससे जुड़े प्रत्येक बिंदु पर खरा उतरना जरूरी है। विश्वविद्यालय में कमियों को दूर करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। सामने आ रही समस्याओं पर ध्यान दिया जा रहा है

आंकड़ों पर एक नजर

9 शासकीय विश्वविद्यालय

562 कालेज हैं प्रदेश में

279 निजी और 211 शासकीय

8 निजी विश्वविद्यालय

प्रदेश के नौ शासकीय विश्वविद्यालयों पर एक नजर

विश्वविद्यालय – संबद्ध कालेज – नैक ग्रेडिंग

पीटीआरएसयू रायपुर – 147 – नहीं

दुर्ग विश्वविद्यालय – 120 – नहीं

सरगुजा विश्वविद्यालय – 67 – सी

बस्तर विश्वविद्यालय – 35 – सी

बिलासपुर विश्वविद्यालय – 90 – नहीं

रायगढ़ विश्वविद्यालय – 79 – नहीं

इंदिरा कला संगीत खैरागढ़ – 13 – नहीं

केटीयू रायपुर – 11 – नहीं

पीटीएसएसयू बिलासपुर – 00 – नहीं

विश्वविद्यालयों में इतने पद हैं रिक्त

विश्वविद्यालय – स्वीकृत पद – रिक्त

पीटीआरएसयू रायपुर – 796 – 312

दुर्ग – 146 – 146

सरगुजा – 423 – 363

बस्तर – 220 – 185

बिलासपुर – 192 – 142

खैरागढ़ – 228 – 84

पीटीएसएसयू बिलासपुर – 68 – 39

राज्य के निजी विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन

विश्विद्यालय – नैक ग्रेडिंग

मैट्स – बी डबल प्लस

सीवी रमन – नहीं

आइसीएफएआइ – नहीं

आइटीएम – नहीं

कलिंगा – नहीं

ओपी जिंदल – नहीं

एमिटी – नहीं

आइएसबीएम – नहीं

नोट : दिसंबर वर्ष-2021 की स्थिति में।

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