छत्तीसगढ़

दो महिला नक्सलियों ने किया सरेंडर, 10 लाख का था इनाम

राजनांदगाव। नक्सल विरोधी अभियान के तहत महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है। बुधवार को कई घटनाओं में शामिंल 10 लाख ईनाम के दो हार्डकोर महिला नक्सलियों ने लाल आतंक का रास्ता छोड़ कर पुलिस व आरपीएफ के सामने सरेंडर कर मुख्य धारा में लौटी हैं।

गढ़चिरौली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों के खोखले दावों से निराश और नागरिकों के खिलाफ उनकी विवेकहीन हिंसा से आक्रोशित होकर और महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू की गई आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति की ओर आकर्षित होकर कई हार्डकोर नक्सली पुलिस के सामने सरेंडर कर मुयधारा में लौट रहे है।

बुधवार को कई घटनाओं में शामिल रहे हार्डकोर महिला नक्सली शमाला ज़ुरू पुडो उर्फ लीला पीपीसीएम सेक्शन कमांडर उम्र 36 वर्ष निवासी गट्टेपल्ली तहसील एटापल्ली जिला। गढ़चिरौली और काजल मंगरू वड्डे उर्फ लिमी, पार्टी सदस्य, भामरागढ़ एलओएस उम्र-24 वर्ष निवासी नेलगुंडा तहसील भामरागढ़ जिला गढ़चिरौली ने पुलिस और सीआरपीएफ के सामने आत्मसमर्पण किया है। शमाला ज़ुरू पुडो नक्सली रूपेश मडावी उर्फ सांबा की पत्नी हैं, जो 23 सितंबर 2024 को मुठभेड़ में मारे गए थे।

शमाला ज़ुरू के खिलाफ कुल 45 अपराध दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 21 एनकाउंटर, 6 आगजनी और 18 अन्य अपराध शामिल है। वहीं काजल मंगरू वड्डे उर्फ लिमी के खिलाफ कुल 8 अपराध दर्ज हैं। जिनमें 4 मुठभेड़, 1 आगजनी एवं 3 अन्य अपराध शामिल है। दोनो पर 10 लाख का ईनाम घोषित था।

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