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कर्ज के बोझ से परेशान पिता ने अपने दोनों पुत्रों के साथ जान देने किया प्रयास, छोटे पुत्र की मौत

अंबिकापुर। सरगुज़ा जिले के बतौली थाना क्षेत्र के बांझाझाल में एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। कर्ज के बोझ से परेशान पिता ने अपने दोनों पुत्रों के साथ जान देने का प्रयास किया जिसमें छोटे पुत्र की मृत्यु हो गई। मामले का रहस्योद्घाटन होने पर बतौली पुलिस ने आरोपित पिता को गिरफ्तार कर लिया है। बताया गया कि आरोपित की पत्नी दो महीने पहले कर्ज लेकर दिल्ली भाग गई है। लगातार कर्ज अदायगी के दबाव से परेशान होकर पिता ने दोनों पुत्रों के साथ जान देने का निर्णय ले लिया। इस मामले में जीजा के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।

थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि तीन नवंबर को विजय लकड़ा पिता राफेल लकड़ा उम्र 21 वर्ष निवासी बेलजोरा थाना सीतापुर बुधवार को अपने ससुराल बांसाझाल आया था। शाम को खाना खाकर सभी अपने कमरे में सोने चले गए थे। रात लगभग दो बजे विजय लकड़ा लघु शंका के लिए बाहर निकला। उसी समय उसका साला आरोपित रंजन खलखो खेत की तरफ से आ रहा था।

उससे पूछने पर उसने कुछ नहीं बताया बल्कि घर में न जाकर बाहर भाग गया। इसके बाद विजय ने परिवार वालों को पूरी जानकारी दी। परिवार वालों ने रंजन खलखो के कमरे में जाकर देखा, उसका छोटा लड़का आजाद खलखो बिस्तर पर नहीं था। बड़ा लड़का अनमोल खलखो बिस्तर में सो रहा था। सुबह लगभग 10 बजे गांव के कोटवार और गांव वालों के साथ खोज बीन के बाद पता चला कि पास के गीदुरझूला नाला के किनारे पानी में पत्थर से ढक आरोपित ने लाश छिपा दी है।

इस मामले में बतौली थाने प्राथमिकी कराई गई है।वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन पर थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय और स्टाफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित रंजन खलखो को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।इस कार्रवाई में प्रमोद पांडेय थाना प्रभारी,सहायक उपनिरीक्षक शिवमन कौशिक, आरक्षक राजेश ,अशोक भगत, मुरलीधर यादव सक्रिय रहे ।आरोपित के विरुद्ध धारा 302 और 201 के तहत कार्रवाई की गई है।

कर्ज़ का बोझ पिता सह न सका-
थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि आरोपित रंजन खलखो की पत्नी सरिता भगत ने बगीचा स्थित एक प्राइवेट कंपनी से लोन लिया था।इसके बाद वह लोन पटा नहीं सकी और इसी बीच दो महीने पहले वह दिल्ली भाग गई। इधर कंपनी से रंजन खलखो को लोन अदायगी के लिए लगातार फोन आ रहे थे।बढ़ते दबाव से रंजन परेशान हो गया था। आखिरकार उसने दोनों पुत्रों के साथ फांसी लगाने की योजना बनाई।दो नवंबर की रात वह छोटे लड़के आजाद खलखो डेढ़ वर्ष को लेकर जंगल चला गया। पहले पिता ने रस्सी से पेड़ के सहारे आजाद को फांसी पर लटकाया, इसके बाद में खुद भी फांसी पर झूल गया, लेकिन इसी बीच उसकी रस्सी टूट गई और वह गिर पड़ा। छोटे लड़के की मौत हो चुकी थी।रंजन ने गिरने के बाद बड़े लड़के को भी लाने के योजना बनाई और वह घर की ओर चल पड़ा।घर के पास पहुंचते ही उसके जीजा विजय लकड़ा ने उसे देख लिया और वह घर से भाग खड़ा हुआ।बाद में चुपचाप वह नाले के पास पहुंच कर छोटे पुत्र की लाश पत्थरों से बीच छिपा दी। सुबह पुलिस को सूचना होने के बाद इस पूरे मामले का पर्दाफाश हो पाया।बतौली क्षेत्र के बांसाझाल में इस मामले को लेकर शोक का माहौल है।कर्ज की वजह से एक भरा पूरा परिवार तबाह हो गया है।

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