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बाजार से व्यापारियों को लोन लेने में होगी परेशानियां ; चेतन तारवानी

इनकम टैक्स बार के पूर्व अध्यक्ष सीए  चेतन तारवानी ने बताया कि व्यापारियों को बाजार से लोन लेने में अब होगी परेशानियां क्योंकि 01 अप्रैल 2022 से आयकर की धारा 68 में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर दिया गया है, जिसके अनुसार यदि आप किसी से लोन लेते हो तो उस व्यक्ति के स्रोत की जानकारी भी देना आवश्यक है अर्थात यदि पहले किसी व्यक्ति से लोन लिया जाता था तो उसके लोन की वास्तविकता को बताने के लिए उसके इनकम टैक्स के पेपर, बैलेंस शीट,बैंक स्टेटमेंट आदि दिया जाता था जिसे इनकम टैक्स वाले स्वीकार करते थे। लेकिन एक अप्रैल 2022 से इस नियम में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया गया है

जिसके अनुसार अब जिससे लोन लिया जा रहा है उसके स्रोत को भी जांचा जाएगा कि उसने यह पैसे कहां से लाए। तो इससे व्यापारियों को खासा परेशानियां होगी क्योंकि लोन लेने वाले का यह दायित्व होगा की लोन देने वाले के स्त्रोत का प्रमाण दे उनको यह सिद्ध करना होगा कि वह पैसे कहां से लाया अर्थात स्रोत बताना होगा यह परेशानी होगी इस कारण अब यह हो सकता है कि व्यापारी बाजार से ज्यादा ऋण ना लें और यह बैंक से ऋण लेने पर यह प्रावधान लागू नहीं होता है क्योंकि बैंक से ऋण लेने पर धारा 68 लागू नहीं होती ।

इसका व्यापारी संघ ने भी विरोध किया है कि इससे व्यापार करने में अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा हालांकि बजट 2012 में यह प्रावधान आया था कि किसी भी कंपनी में यदि किसी की कैपिटल जमा हैं तो जो शेयर होल्डर है उसके स्रोत की भी जानकारी आयकर अधिकारी ले सकते हैं, कोर्ट के निर्णय आए जिसमें कंपनी के अलावा अन्य लोगों पर यह प्रावधान लागू नहीं हुआ उसमें कहा गया कि अगर जिससे लोन लिया गया उसके इनकम टैक्स के पेपर बैंक के स्टेटमेंट बैलेंस दे दी जाए तो पर्याप्त हैं लेकिन कंपनी के केस में इसमें शेयर होल्डर के स्रोत की जानकारी भी देना अनिवार्य है और अब यह नियम सिर्फ कंपनी तक नहीं वरन सभी व्यापारियों पर लागू हो गया है यदि आप जिस से लोन लेते हो तो उसके स्रोत को भी स्पष्ट करना होगा उसे भी बयान में बुलाया जा सकता है कि उसने पैसा कहां से लाए।

साथ में यह भी प्रावधान आया है धारा 68 में यदि जिसने लोन लिया है यह प्रमाणीकरण नहीं हो पाया कि उसने पैसे कहां से लाए हैं अर्थात स्रोत की जानकारी ना हुई तो उसे कैश क्रेडिट माना जाएगा। जिसका कर निर्धारण धारा 115 बीबीई के अनुसार होगा अर्थात इसे आय मानकर इस पर 72.5 प्रतिशत टैक्स पेनल्टी एवं सर चार्ज लगेगा।

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