ग्रामीणों की जमीन पर स्पंज आयरन कंपनी ने किया अतिक्रमण, उग्र आन्दोलन की तैयारी में लोग
शुभम शर्मा – तिल्दा /सरोरा | तिल्दा नेवरा क्षेत्र के सरोरा गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि एक स्पंज आयरन कंपनी ने गांव की जमीन पर अवैध कब्जा किया है, संभव स्पंज आयरन नाम की इस कंपनी ने ग्राम सरोरा के श्मशान घाट की भूमि जलाशय की भूमि और कोटवारी जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है, जिसको लेकर ग्रामीणों में खासी नाराजगी है, ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की है, प्रशासन ने सीमांकन का वादा किया था, पर शिकायत के 6 महीने तक कोई भी प्रशासन का नुमाइंदा सीमांकन करने नहीं पंहुच सका। ग्रामीणों के बढ़ते दबाव के बीच 6 महीने बाद प्रशासनिक अमला सीमांकन करने पहुंचा पर प्रशासन की इस कार्रवाई से ग्रामीण संतुष्ट नहीं है। उन्होंने प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रशासन के नुमाइंदे कार्यवाही के दौरान बार-बार स्पंज आयरन कंपनी के अधिकारियों से बात करते हैं और उसके बाद नाप जोख करते हैं, जो कि संदिग्ध है। इससे मिलीभगत की बू आती है। ग्रामीणों ने कहा है कि वह इस मामले को आप हाईकोर्ट लेकर जाएंगे।
ग्रामीणों ने बताया की तीन दिन तक सीमांकन किया गया है, पर उक्त सीमांकन से ग्रामवासी संतुष्ट नहीं हैं। इस सीमांकन में सिर्फ भूदान की जमीन खसरा no 769 का सही सीमांकन हुआ और कोटवार को जो क़ृषि कार्य हेतु भूमि खसरा no 758 रकबा 1.2540 हेक्टर आबंटित हैं। जिसमे आधा एकड़ बाहर हैं उसका नाप किया गया व दो एकड़ जमीन जो प्लांट के अंदर हैं, उसका तीन दिन के नापजोख में भी नापकर चिन्हांकित नहीं किया गया। वहीँ प्रशासनिक नुमायांदों ने ग्रामीणों के अनुरोध को अनसुनी कर दिया। शमशान घाट के खसरा no 761 जो सबसे विवादित हैं उसे नापने में भारी अनियमितता बरती गई व दो तीन बार अलग अलग जगह से पॉइंट बनाया गया। जिस पॉइंट से प्लांट की भूमि बच जाये उसे फाइनल कर सीमांकन की खानापूर्ति कर दी गई। जिससे ग्रामीण असंतोष हैं व सीमांकन रिपोट मिलने के बाद आगे हाईकोट में मामला ले जाने की तयारी में हैं। वहीँ सरोरा जलाशय का नाप जलभराव के कारण नहीं हो सका है। उक्त जानकारी गांव के सुनील वर्मा कामता प्रसाद शर्मा, रणछोर तिवारी, मनी यदु, इतवारी पाल, तोरण साहू, बिशम्भर पाल, पवन मानिकपुरी, टेकराम यदु, बहोरन यदु, प्रवीण यदु, शरद ठाकुर आदि ग्रामीणों ने दी हैं।