Zee5 मे रिलीज़ हुई सीरीज माफिया का Review, Gaming की दुनिया का शानदार अनुभव…
नई दिल्ली | अगर आपको या आपके घर में किसी को वीडियो गेम खेलने का शौक है तो आपने महसूस किया होगा कि ऐसे गेम खेलने के दौरान इंसान की सारी ज्ञानेंद्रियां अपने चरम पर होती हैं। ये चरमसुख खून में दौड़ने वाले हार्मोंस से महसूस होता है और माफिया में इसका पूरा इंतजाम किया है इसके क्रिएटर्स रोहन घोष और अरित्र सेन ने। कहानी गुपचुप तरीके से दर्शक को अपने आगोश में लेती है और सीरीज की रचना कुछ ऐसी है कि दर्शक भी एपीसोड दर एपीसोड खुद को इस कहानी का हिस्सा महसूस करने लगता है।
माफिया कहानी है नितिन, ऋषि, अनन्या, नेहा और तान्या की। कहानी में थ्रिलर का हर पंचभूत मौजूद है। और, इसका छठा मनोवैज्ञानिक तत्व है इसका मधुपुर के जंगलों में घटना। ये सब मिलते तो हैं कुंवारा पार्टी के नाम पर लेकिन आगे के अच्छे दिनों की सोच के आई ये पब्लिक नहीं जानती कि आगे होने वाला क्या है। गेम शुरू होता है माफिया का। दिखने में बिल्कुल साधारण सा दिखने वाला ये खेल जुमानजी से किसी तरह कम नहीं है। खेलने वाले भले इस गेम के अंदर वैसे न चले जाते हों लेकिन जब बारी ये पहचानने की आती है कि गेम खेल कौन रहा है और निशाने पर कौन है तो अच्छे से अच्छे मजबूत कलेजे वाले का कलेजा भी एक भार धक से होता है