हाईकोर्ट से मिली पायलट खेमे के 19 विधायकों को राहत
जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को दावा किया कि उनके पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाएंगे। स्पीकर सीपी जोशी ने पायलट समेत 19 विधायकों को 14 जुलाई को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न आपको विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर की याचिका पर गुरुवार को कहा- हाईकोर्ट फैसला दे सकता है, लेकिन यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के रुख पर निर्भर करेगा।
राजस्थान हाईकोर्ट से पायलट खेमे को राहत मिल गई है। स्पीकर के अयोग्यता नोटिस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा- अभी कार्रवाई नहीं हो सकती, यथास्थिति बरकरार रखी जाए। इससे पहले अयोग्यता नोटिस पर 21 जुलाई को हाईकोर्ट ने अपना फैसला 24 जुलाई तक सुरक्षित रख लिया था। स्पीकर सीपी जोशी को कहा था कि वे तब तक इन विधायकों के खिलाफ कोई कार्यवाही न करें। स्पीकर जोशी ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को राहत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट फैसला दे सकता है। लेकिन, यह फैसला इस बात पर निर्भर रहेगा कि स्पीकर की याचिका पर भविष्य में सुप्रीम कोर्ट क्या रुख अपनाता है।
सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई सोमवार को
स्पीकर की दलील थी कि हाईकोर्ट उन्हें अयोग्यता कार्यवाही करने से नहीं रोक सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा लोकतंत्र में असहमति के स्वर दबाए नहीं जा सकते। असंतुष्ट विधायक भी जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। क्या वे असहमति व्यक्त नहीं कर सकते? ऐसे तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। मुद्दे पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की है।
अब तक क्या हुआ?
14 जुलाई: स्पीकर ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया और 17 जुलाई को दोपहर 1:30 बजे तक जवाब मांगा।
16 जुलाई: नोटिस के खिलाफ पायलट सहित 19 विधायक हाईकोर्ट चले गए। पीछे-पीछे व्हिप चीफ महेश जाेशी ने सरकार की तरफ से कैविएट लगा दी कि कोई भी फैसला किए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
17 जुलाई: हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई की और मामला दो जजों की बेंच में भेजा। इस बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई तय की।
18 जुलाई: अगली सुनवाई 20 जुलाई तय की और स्पीकर से कहा कि वे 21 जुलाई तक नोटिस पर कार्रवाई नहीं करें। स्पीकर ने भी इसकी पालना करते हुए कार्रवाई टाली।
20 जुलाई: हाईकोर्ट ने बहस पूरी न हो पाने के कारण कहा- 21 जुलाई को भी सुनवाई होगी।
21 जुलाई: हाईकोर्ट ने फिर मामले को सुना और फैसला 24 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया। स्पीकर को भी तब तक के लिए कोई निर्णय नहीं करने के लिए कहा।
22 जुलाई: स्पीकर सीपी जोशी द्वारा हाइकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई। सचिन गुट ने भी कैविएट दर्ज कराई।
23 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट की सुनवाई को रोकने से इनकार कर दिया।
इन विधायकों को नोटिस दिया गया –
सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।