प्रेमानंद जी महाराज की जीवन परिचय एवं सम्पूर्ण जानकारी
Premanand Ji Maharaj- राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद जी महाराज को भला कौन नहीं जानता है. वे आज के समय के प्रसिद्ध संत हैं. प्रेमांनद जी महाराज की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है, मौजूदा समय में भारत की इस पावन धरा पर कई संत महात्मा मौजूद है जिनकी तुलना महापुरुषों से की जाती है। प्रेमानंद जी महाराज भी उन्हीं में से एक हैं जिनका प्रवचन आज करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुका है। सोशल मीडिया पर उनकी क्लिप्स और वीडियोज खूब सुने व देखे जा रहे हैं।
प्रेमानंद महाराज जी का जीवन परिचय (Biography):-
महाराज जी का जन्म कानपुर (उत्तर प्रदेश) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। प्रेमानंद महाराज जी के पिता का नाम श्री शंभू पांडे और माता का रामा देवी है। प्रेमानंद महाराज जी के बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। लेकिन आज-कल प्रेमानंद जी महाराज को सभी लोग पीले बाबा के नाम से भी संबोधित करते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं- जब वे 5वीं कक्षा में थे, तभी से गीता का पाठ शुरू कर दिया इस तरह से धीरे-धीरे उनकी रुचि आध्यात्म की ओर बढ़ने लगी और उनके मन में यह ख्याल आया कि एक-एक करके एक दिन इस घर के सभी सदस्य की मृत्यु हो जायेगी तो मेरा कौन रहेगा? मैं किसके पास रहूंगा, मेरा सहारा कौन होगा? इन्ही बातों से उनको प्रेरणा मिली कि भगवान के अलावा मेरा कोई नहीं है। जब वे 13 वर्ष के हुए तो उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का फैसला किया और सुबह 3:00 बजे महाराज जी घर छोड़कर यात्रा पर निकल गए और फिर बाद में संन्यासी बन गए.
महाराज प्रेमानंद जी का स्वास्थ्य (Health):-
महाराज जी वृंदावन में रह रहे हैं इनकी उम्र इस वक्त लगभग 61 वर्ष है। महाराज जी ने अपने एक सत्संग में बताया है कि उनकी दोनों किडनियां पिछले 17 वर्षों से फेल है। इलाज ना मिल पाने के कारण उन्होंने अपनी एक किडनी का नाम राधा और दूसरे का नाम कृष्ण रखा।वर्तमान समय में हर दिन उनका डायलिसिस होता है इसके बाद भी प्रतिदिन सुबह 3 बजे वृंदावन की 8 से 10 किलोमीटर की परिक्रमा करते हैं और आज भी स्वस्थ है एवं निस्वार्थ अपना जीवन राधा-कृष्ण की भक्ति भाव में बिता रहे हैं, और सब कुछ उन्हीं पर छोड़ दिया है।
मिलने का स्थान व समय:-
प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के आश्रम में रहते हैं जहां जाकर उनसे मुलाकात कर सकते हैं. प्रेमानंद जी दर्शन करने के लिए श्री हित राधा केली कुन्ज, वृन्दावन परिकर्मा मार्ग, वराह घाट, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश, वृंदावन- 281121 में जाकर दर्शन किये जा सकते हैं लेकिन महाराज जी से मुलाकात करने का सबसे अच्छा समय रात के 2-3 बजे का है जब वे वृंदावन की परिक्रमा शुरू करते हैं और इस दौरान सड़कों पर लाखों भक्त उनके दर्शन करने के लिए खड़े होते है।
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