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गोबर और गोमूत्र से उत्पन्न अमोनिया से जहरीली हो गई थी पंचायत भवन की हवा, लेकिन दोषी कौन है ? यह नहीं हो पाया तय

अमित दुबे – बिलासपुर । तखतपुर के मेढ़पार में 47 गोवंशों की मौत के मामले में जांच पूरी हो गयी है। जांच समिति ने रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दिया है। जांच में दम घुटने से गोवंशों के मौत का कारण सामने आया है। दरअसल,बीते 25 जुलाई को तखतपुर के मेढ़पार में एकसाथ 47 गोवंश की मौत हो गयी थी। सीएम ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद कलेक्टर ने मामले में अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। जांच समिति ने प्रभावित गांव व घटना स्थल का निरीक्षण कर गोवंश पालकों व ग्रामीणों का बयान दर्ज किया। जिसमें ये बात सामने आयी कि, ग्रामीणों की सहमति के बाद फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले गोवंश को पकड़कर पुराने पँचायत भवन में रखा गया था। बाद में उन्हें जंगल में छोड़ने की योजना थी। लेकिन जिस भवन में गोवंशो को रखा गया, उस भवन का आकार छोटा था और क्षमता से अधिक गोवंश को एकसाथ भवन में रख दिया गया था। इस दौरान गोवंश के सिंग और उनके मूवमेंट के कारण भवन का दरवाजा भी बन्द हो गया। बन्द भवन में गोवंश के गोबर और मूत्र के कारण अमोनिया गैस का उत्सर्जन हुआ, जिसके कारण शुद्ध हवा नहीं मिलने से गोवंशो का दम घुटा और 47 गोवंश की मौत हो गयी। पीएम रिपोर्ट में भी गायों के मौत का यही कारण सामने आया है। इधर जांच रिपोर्ट को जांच अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर ने अग्रिम कार्रवाई के लिए कलेक्टर को सौंप दिया है। उन्होंने बताया कि मामले में अपराध दर्ज कर पुलिस भी जांच कर रही है, पुलिस जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय होगी।

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