मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से मां-बेटी ने दी कुपोषण को मात
रायपुर | मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान कुपोषित बच्चों और महिलाओं के जीवन में वरदान साबित हो रहा है। इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्म भोजन, अतिरिक्त पौष्टिक आहार सहित निःशुल्क स्वास्थ्य और परामर्श सेवाएं प्रदान करने से कुपोषित बच्चों, एनीमिक महिलाओं को कई प्रकार के स्वास्थ्यगत परेशानियों से निजात मिल रही है।
इन्ही में से एक वनांचल और आदिवासी क्षेत्र बीजापुर के संतोषपुर की फुलदई साहनी हैं, जो करीब सालभर पहले एनीमिया से पीड़ित थीं। उनका हिमोग्लोबिन स्तर 7 ग्राम और वजन मात्र 35 किलोग्राम था। वह पूरी तरह कमजोर हो गयी थी। लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित रूप से पौष्टिक आहार तथा स्वास्थ्य जांच सहित उपचार मिलने से अब फुलदई एनीमिया से मुक्त हो गयी है। फुलदई साहनी बताती हैं कि एनीमिया से पीड़ित होने के कारण वह बहुत कमजोर महसूस करती थीं। घरेलू काम करने के दौरान जल्दी थक जाती थीं। उनकी साढ़े 4 वर्ष की बेटी पूर्वी साहनी भी कमजोर थी, लेकिन अब आंगनबाड़ी केन्द्र में देखभाल से कुपोषण में मध्यम श्रेणी में आ गई है।
फुलदई ने बताया कि आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता का नियमित परामर्श मिलता रहा, इससे उनके साथ बेटी पूर्वी को भी बहुत फायदा हुआ है। आंगनबाड़ी केन्द्र में उन्हें नियमित तौर पर गर्म पौष्टिक भोजन सहित अंडा, चिक्की, पौष्टिक बिस्किट और अतिरिक्त पौष्टिक आहार दिया जाता है। इसके साथ ही नियमित रूप से स्वास्थ्य का परीक्षण और उपचार भी मिलता है। इन सभी का सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ और मार्च 2021 तक उनके स्वास्थ्य में व्यापक सुधार आया। फुलदई का हिमोग्लोबिन स्तर 12 ग्राम होने सहित वजन 46 किलोग्राम हो गया। वहीं बेटी पूर्वी गंभीर कुपोषण से बाहर होकर मध्यम श्रेणी में आ गई है। उसका वजन 14 किलोग्राम हो गया। फुलदई कहती हैं, कि वह अब शारीरिक रूप से सक्षम महसूस कर रही हैं। घरेलू कार्य सहित घर की खेती-किसानी कार्य में अपने पति श्री राजू साहनी का सहयोग कर रही हैं। उन्हें अब थकान-कमजोरी जैसी कोई समस्या नहीं है। अभी भी उन्हें नियमित तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृहभेंट कर उचित खान-पान, स्वच्छता तथा साफ-सफाई का ध्यान रखने समझाईश दी जाती है। जिस पर वह पूरी तरह अमल कर रही हैं। इस महत्ती योजना के लिए फुलदई ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।