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एनएमडीसी के पांच हजार से अधिक कर्मी हड़ताल पर, दो सौ करोड़ के नुकसान की आशंका…

जगदलपुर। सार्वजनिक क्षेत्र की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी में वेज रिवीजन को लेकर दो महीने से जारी गतिरोध गहरा गया है। समझौता न होने से नाराज श्रमिक एवं प्रबंधन अब आमने-सामने आ गए हैं। जिससे छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना सहित आधा दर्जन राज्यों में फैले एनएमडीसी के कारोबार को बड़ा झटका लगा है। सर्वाधिक असर लौह अयस्क के उत्खनन में दिखाई दे रहा है। जहां 15 मार्च से उत्पादन ठप है।

इससे प्रतिदिन 2 लाख टन लौह अयस्क का उत्खनन प्रभावित हो रहा है, जिससे एमएनडीसी को अब तक लगभग दो सौ करोड़ रूपए का नुकसान उठाना पड़ा है। बता दें कि एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के राजेश संधु ने बताया कि पूरे देश में फेडरेशन के 5 हजार 6 सौ कर्मी हैं जिनमें लगभग 6 सौ एक्जीक्यूटिव हैं। एनएमडीसी बोर्ड के साथ हुई वार्ता में श्रमिकों एवं प्रबंधन के बीच वेज-रिवीजन को लेकर सहमति बन गई है और यह प्रस्ताव 1 महीने से अधिक समय से इस्पात मंत्रालय में लंबित है, जिसकी वजह से समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

जनवरी माह से चरणबद्ध आंदोलन

यह पहली बार है कि वेज-रिवीजन को लेकर जनवरी माह से शुरू वार्ता अब तक अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। इसको लेकर श्रमिक संगठन चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। श्रमिकों ने पहले ओवर टाईम बंद करने का निर्णय लिया फिर क्रमिक भूख हड़ताल के बाद प्रबंधन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए एफआरएएस सिस्टम लागू किया तो 17 मार्च से प्रोडक्शन बंद हो गया। पिछले तीन दिनों में लगभग 6 लाख टन लौह अयस्क का उत्पादन बाधित हुआ है। श्रमिक प्रतिनिधियों ने बताया कि वे उत्पादन बाधित नहीं करना चाहते लेकिन प्रबंधन मजदूरों को वर्क जॉब अवार्ड करने से मना कर रहा है। इसके कारण उत्पादन बंद हो गया है।

एनएमडीसी के शेयरों में आई मंदी

स्टील के सेक्टर में आई वैश्विक मंदी से शेयर मार्केट में आए उतार चढ़ाव केबाद अब लौह अयस्क का उत्पादन प्रभावित होने से एनएमडीसी के शेयरों में भी मंदी देखी जा रही है। एनएमडीसी में चल रहे गतिरोध के कारण स्टॉक मार्केट में एनएमडीसी के शेयरों में 15 फीसदी की कमी दिख रही है।

किरन्दुल संयुक्त खदान मजदूर संघ रौनक मिश्रा ने कहा श्रमिक संगठन जब हड़ताल पर बैठे हैं, ऐसे में एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा बिना उनसे चर्चा के एफआरएएस सिस्टम अचानक लागू करने का फैसला तुगलकी है। हमारी मुख्य मांग है कि प्रबंधन तत्काल वेज-रिवीजन लागू करे।

akhilesh

Chief Reporter

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