कैबिनेट बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले, दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी को मिली मंजूरी
रायपुर| छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल मंत्रिमंडल ने ‘गोधन न्याय योजना‘ के तहत गौ पालक किसानों से दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदने को मंजूरी दी है. राज्य के वरिष्ठ अधकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई जिसमें गोबर के क्रय की दर को दो रुपये प्रति किलोग्राम परिवहन व्यय सहित करने का अनुमोदन किया गया. अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के स्वीकृत गोठानों को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए ‘गोधन न्याय योजना‘ का अनुमोदन किया गया. राज्य में हरेली पर्व से इस योजना की शुरूआत होगी. राज्य में अब तक 5,300 गोठान स्वीकृत किए जा चुके हैं जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2,408 और शहरी क्षेत्रों में 377 गोठान बन चुके हैं, जहां से इस योजना की शुरूआत की जाएगी.
उन्होंने बताया कि राज्य में स्थापित गोठान में गोवंशीय और भैंस वंशीय पशुपालकों से गोठान समितियों के माध्यम से गोबर क्रय कर उससे वर्मी कम्पोस्ट और अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे. इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलने के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन, खुली चराई पर रोक, द्विफसली क्षेत्र के विस्तार के साथ ही पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा. अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमण्डलीय समिति द्वारा गोठान ग्राम में पशुपालकों से 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोवंशीय और भैंस वंशीय मवेशियों के गोबर क्रय की अनुशंसा की गई थी. मंत्रिमंडल की बैठक में गोबर के क्रय की दर को दो रुपये प्रति किलोग्राम परिवहन व्यय सहित करने का अनुमोदन किया गया.
निःशुल्क वितरण किए जाने का निर्णय लिया गया
उन्होंने बताया कि योजना में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर किसानों को आठ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किए जाने के साथ ही लैम्पस एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के अल्पकालीन कृषि ऋण के अंतर्गत सामग्री घटक में जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) को शामिल करने का अनुमोदन किया गया. अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी राशन कार्डों (एपीएल श्रेणी को छोड़कर) पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशन कार्ड के समान ही पांच किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक निःशुल्क वितरण किए जाने का निर्णय लिया गया.
विधि आयोग को आगे जारी नहीं रखने का निर्णय लिया गया
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी राशन कार्डों (एपीएल कार्डों का छोड़कर) पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशन कार्डों के समान ही एक किलोग्राम चना प्रति कार्ड प्रतिमाह जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक निःशुल्क वितरण करने का भी निर्णय लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विधि आयोग को आगे जारी नहीं रखने का निर्णय लिया गया. आयोग में वर्तमान में कार्यरत कुल छह कर्मचारियों को उनके द्वारा धारित पदों पर ही राज्य के विधि और विधायी कार्य विभाग मंत्रालय में नियमानुसार संविदा पर ही संलग्न करने का निर्णय लिया गया.