केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, देश भर के थानों की कार्यप्रणाली जानने और पुलिसकर्मियों के कामकाज का आंकलन करने की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को
दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब थानों की कार्यप्रणाली जानने और पुलिसकर्मियों के कामकाज का आंकलन करने के लिए प्राइवेट एजेंसी से इनके कामकाज का मूल्यांकन कराने का फैसला लिया है।
गृह मंत्रालय ने यह पता लगाने के लिए कि देश में सर्वश्रेष्ठ थाना कौन सा है। थानों में लोगों को क्या दिक्कतें और क्या सहूलियतें आ रही हैं। इनके बारे में पता लगाने की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी को सौंपने का फैसला लिया है। कंपनी देशभर के लगभग 15 हजार थानों का सर्वे करेगी। इसमें एनसीआरबी रिपोर्ट से मदद ली जाएगी साथ ही शिकायतकर्ता और थाने के आसपास के इलाके के लोगों से बातचीत करके उनका फीडबैक लिया जाएगा।
ये एजेंसी लोगों से पूछेगी कि पुलिस थाने में पुलिस कर्मियों का लहजा कैसा है। लोगों से किस तरह पुलिसकर्मी थाने में पेश आते हैं। किसी घटना के कितनी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंचती है। क्या थाने में रिश्वत से काम निकलता है या निष्पक्षतापूर्वक केस हल किया जाता है। इन जैसे तमाम सवालों का जवाब लेने के बाद थाने को रैंकिंग मिलेगी। कंसलटेंट कंपनी को टेंडर मिलने के 75 दिन बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट जमा करानी होगी। प्राइवेट कंपनी को टेंडर देने की औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं।