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किडनी की बीमारी से प्रभावित गांव में नए स्वास्थ्य केंद्र की बुनियाद रखी ; स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव:

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मंगलवार को गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने नए स्वास्थ्य केंद्र का भूमिपूजन किया। इसका निर्माण 61 लाख 96 हजार रुपयों से किया जाना है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मंत्री से उनके पेयजल की व्यवस्था के लिए तेल नदी का पानी गांव तक पहुंचाने की मांग की।

स्वाथ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सुपेबेड़ा में संचालित वैकल्पिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने वहां उपलब्ध दवाइयों और अन्य सुविधाओं का अवलोकन कर प्रभारी चिकित्सक और स्टॉफ को लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने सुपेबेड़ा में किडनी बीमारी से प्रभावित लोगों की समस्याएं सुनी और उनका हाल जाना। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शासन के प्रयास से स्थिति में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य गांवो की भांति जल जीवन मिशन योजना के तहत सुपेबेड़ा में भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। योजना अंतर्गत प्रदेश के पूरे गांवों में आगामी तीन वर्ष के भीतर शुद्ध पेयजल व्यवस्था हो जाएगी।

ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मंत्री को अपनी समस्याएं बताईं।

न्यूज़ बिंदास
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सुपेबेड़ा आते रहने का वादा भी कर गए

ग्रामीणों से बातचीत के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, वे सुपेबेड़ा में वर्तमान स्थिति देखने आया थे। स्थिति में सुधार के लिए सरकार पूरा ध्यान दे रही है। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि सुपेबेड़ा के लोगों का हाल जानने वे आने वाले दिनों में भी यहां आते रहेंगे।

दशकों से किडनी की बीमारी से जूझ रहा है गांव

सुपेबेड़ा गांव में किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत हो रही है। एक दशक से ग्रामीण उसका रिकॉर्ड रख रहे हैं। उनके मुताबिक अब तक 105 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार यह संख्या 78 बताती है। शुरुआती उपेक्षा के बाद सरकार जागी तो बीमारी की वजह तलाशने की कोशिश शुरू हुई।

बताया गया, सुपेबेड़ा और आसपास के गांवों के पेयजल में भारी धातुएं हैं। उसकी वजह से किडनी खराब हो रही है। सरकार ने गांव में एक ऑर्सेनिक रिमूवल प्लांट लगा दिया। वह भी काम का नहीं निकला। 2019 में राज्यपाल अनुसूईया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खुद गांव पहुंचे। हर तरह के सहयोग का वादा किया। तेल नदी से पेयजल की योजना बनी लेकिन यह वादा अब तक अधूरा है।

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