महिला आरक्षक ने कहा अश्लील फिल्म दिखाते थे अधिकारी…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पुलिस मुख्यालय में पदस्थ एक महिला आरक्षक इस्तीफा देकर वृंदावन चली गई। नौ महीने तक संपर्क नहीं होने पर परिवार के सदस्यों ने जब उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, तो जांच में पता चला कि वह वृंदावन में है। राजधानी रायपुर की राजेंद्र नगर पुलिस जब वृंदावन पहुंची, तो महिला आरक्षक एक मंदिर के बाहर फूल बेचते हुए मिली।
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महिला आरक्षक ने पुलिस के आला अधिकारियों पर दबाव डालकर इस्तीफा दिलाने का आरोप लगाया है। महिला ने मीडिया से चर्चा में कहा कि डीजीपी डीएम अवस्थी और सीआईडी में पदस्थ यूबी चौहान ने विभाग की बदनामी का हवाला देकर इस्तीफे का दबाव बनाया। इस मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं एआईजी यूबी चौहान ने कहा कि वर्ष 2017 में युवती ने दो कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत की थी। वो भी मामूली बहसबाजी का मामला था। तब विभागीय कार्रवाई की गई थी। युवती के सभी आरोप झूठे हैं।
मीडिया से चर्चा में आरोप लगाया है कि वर्ष 2009 में माना के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में उसके साथ शारीरिक शोषण की कोशिश की गई। अधिकारी अश्लील फिल्म दिखाते थे। विरोध करने पर छुट्टी नहीं देते थे। आरक्षक ने बताया कि वर्ष 2016 में रायगढ़ में तैनाती के दौरान भी शिकायत की थी, लेकिन विभाग की बदनामी को देखते हुए पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों ने इस्तीफा देने का दबाव बनाया। इन्हीं बातों से परेशान होकर इस्तीफा दे दिया।
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महिला ने कहा कि वह परिवार के साथ बचपन से ही नहीं रहती है। नौकरी मिलने के बाद भी वह अलग ही रहती थी। जुलाई 2020 में कोविड का बहाना बनाकर स्वजन ने मुझे कैद में रखने की कोशिश की। मैं ड्यूटी तक नहीं कर रही थी, इसलिए यहां आ गई।इसके साथ ही महिला आरक्षक ने पुलिस को दिए लिखित बयान में कहा कि न मेरा परिवार है और न रिश्तेदार…। मैं अब यहीं रहना चाहती हूं। महिला के बयान के बाद रायपुर पुलिस लौट आई है।