छत्तीसगढ़

सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का अकाल, ऑपरेशन के समय बेहोश करने वाली मशीन नहीं

भिलाई। जिला अस्पताल दुर्ग में न्यूरोसर्जरी, मेजर ईएनटी, डेंटल समेत शरीर के धड़ के ऊपरी हिस्से यानी सिर के हिस्से के इलाज के लिए हर दिन बहुत से मरीज पहुंचते हैं। पर इनका इलाज हो पाना मुश्किल हो जाता है, क्योकि अस्पताल में इन चीजों से संबंधित बड़े ऑपरेशन करने के लिए वर्क स्टेशन एनेस्थीसीया मशीन नहीं है। इस मशीन के सहारे ही गैस से मरीज को बेहोश कर इलाज किया जा जाता है।

अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार वर्क स्टेशन मशीन का पूरा सेटअप होता है, इसमें माइक्रोस्कोप, गैस के साथ वैंटिलेटर का भी काम करता है। मशीन को सेटिंग कर छोड़ दिया जाता है। ये एक एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीन है जो सही इलाज करने में सहायक होती है। इससे एक डॉक्टर दो केस को आराम से हैंडल कर सकता है। अभी सिर्फ एक मशीन है। कम से कम दो और मशीन की जरूरत है। इस मशीन का कीमत 15 से 20 लाख रुपए तक है।

चुनिंदा मरीजों का ही हो पाता है इलाज

जिला अस्पताल में हर दिन 1200 से 1500 ओपीडी में मरीज पहुंचते है। इसमें सिर के हिस्से के इलाज के लिए 5-6 मरीज आते है। पर एक ही मशीन होने की वजह से डॉक्टरों का सभी मरीजों का इलाज कर पाना संभव नहीं होता। इसलिए इन मरीजों से जिस मरीज का सबसे ज्यादा कंडीशन खराब होता है, उसको सलेक्ट कर इलाज करते है। वहीं अन्य मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। जानकारी के अनुसार 6 माह में अलग-अलग डिपार्टमेंट के 150 मरीजों का ही ऑपरेशन किया गया है।

akhilesh

Chief Reporter

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