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गोधन न्याय योजना से बढ़ रही है ग्रामीणों की आमदनी, वर्मी खाद से मिलेगा जैविक खेती को बढ़ावा

रायपुर | ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किए गए गोधन न्याय योजना का लाभ लोगों को मिलने लगा है। हरेली पर्व के दिन शुभारंभ के बाद से ही हितग्राही अपने पशुओं के गोबर का विक्रय करने गौठानों में पहुंच रहे हैं। गोबर से स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा वर्मी खाद तैयार किया जा रहा है, ताकि किसानो को अच्छी गुणवता वाली खाद उपलब्ध कराया जा सके, इससे जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। जशपुर जिले के ग्राम पंचायतों के 64 गौठान और नगरीय निकाय के 5 गौठान कुल 69 गौठानों के माध्यम से गोबर खरीदी की जा रही है। जिले में पशुपालकों की संख्या 12089 है। वर्तमान में गौठानों के माध्यम से 2 लाख 73 हजार 309 किलोगोबर क्रय किया गया है। योजना के अंतर्गत गौठान के समितियों के अध्यक्षों की सहकारिता बैंक में खाता खोला गया है और उनके माध्यम से गोबर विक्रय करने वाले हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा है। जशपुर के ग्राम पंचायत गम्हरिया गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गोबर में केचुआ डालकर वर्मी खाद तैयार किया जा रहा है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए कल्याणकारी कदम साबित हो रही है। महिलाएं और पुरूष बड़ी संख्या में गौठानों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे है। समूह की महिलाओं ने शासन की कल्याणकारी योजना की सराहना करते हुए छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया

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