वर्षा से फसल क्षति हुई है तो यहाँ करें शिकायत विभाग की गाइडलाइन जारी
Chhattisgarh:- बंगाल की खाडी में तूफान आने के कारण जिले में असामयिक वर्षा दर्ज की गई है। इस असामयिक वर्षा से धान या धान करपा को क्षति होने की पूर्ण संभावना है। जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत् अधिसूचित ग्राम के अधिसूचित फसल धान सिंचित, धान असिंचित, फसलों को नुकसान होने की स्थिति में बीमित किसान को दावा भुगतान का प्रावधान है। जिसके तहत् बीमित किसान को फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनी/कृषि विभाग /राजस्व विभाग एवं बैंक को घटना के 72 घंटे के अंदर दिया जाना अति आवश्यक है।
फसल कटाई के उपरांत खेत में सुखाने के लिए फैलाकर रखी हुई फसल में नुकसान होने की स्थिति में :-
फसल कटाई के उपरांत खेत में सुखाने के लिए फैलाकर रखी हुई अथवा छोटे बंडलो में रखे हुये अधिसूचित फसल को प्राकृतिक आपदा यथा-ओला, चक्रवाती वर्षा एवं बेमौसम वर्षा से अधिसूचित इकाई में 25 प्रतिशत से अधिक हानि होती है तो उन सभी प्रभावित बीमित कृषकों के नुकसान की जांच कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति हेतु पात्र घोषित की जावेगी। कृषक इसकी सूचना क्रियान्वयन बीमा कंपनी को सीधे टोल फ्री नंबर 1800-209-5959 पर या लिखित रूप से अथवा स्थानीय राजस्व / कृषि अधिकारियों, संबंधित बैंक अथवा जिला कृषि पदाधिकारी / राजस्व पदाधिकारी को लिखित रूप से निर्धारित समय-सीमा 72 घंटे के भीतर बीमित फसल के ब्योरे क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित सूचित करना होगा।
विकासखंड स्तरीय कृषि/राजस्व विभाग के अधिकारी एवं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा फसल क्षति का आंकलन करेगें। इस घटक के अंतर्गत अधिकतम देय सहायता बीमित राशि के अध्याधीन प्रभावित क्षेत्र के आपदा घटित होने तक फसल की कास्त लागत के अनुपात में होगी।
कृषि विभाग द्वारा यह भी कहा गया:-किसान भाईयों से अनुरोध है कि फसल में हुई क्षति की सूचना क्रियान्वित बीमा कंपनी को सीधे टोल फ्री नम्बर-1800-209-5959 या राजस्व / कृषि/संबंधित बैंक को लिखित रूप से या फार्म मित्र एप के माध्यम से निर्धारित समय-सीमा 72 घंटे के भीतर बीमित फसल के ब्योरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित सूचित कर सकते है।