इतिहास:- जानिए किन-किन तरीकों से दी जाती थी सजा-ए-मौत पढ़ के कांप जायगी रूह..
जब कभी आप बलात्कार या आतंकी हमलों की खबर पढ़ते होंगे, तब आपका मन कचोट जाता होगा और सोचते होंगे कि इन दरिंदों को पकड़ कर फांसी पर लटका देना चाहिये, सिर कलम कर देना चाहिये, बलात्कारी के लिये सोचते वक्त मन में आता होगा कि उसका तोलिंग ही काट देना चाहिये। वगैरह–वगैरह…
ये सजाएं आपके दिमाग में इसलिये आती हैं, क्योंकि वर्तमान में इससे ज्यादा किसी सजा की बात ही नहीं होती। लेकिन अगर इतिहासके पन्ने पलटें तो आप ऐसी–ऐसी सजाओं से रू–ब–रू होंगे, जिनके बारे में महज पढ़कर ही आपकी रूह कांप उठेगी, रोंगटे खड़े हो जायेंगे।
जी हां हम ऐसी ही सजाओं के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। दिल पर रखिये और स्लाइडर को आगे बढ़ाइये। हमारा दावा है, आपएक–एक सज़ा को ध्यान से पढ़ेंगे…
1) जिंदा दफनाना
यूरोपीय देशों में 15वीं सदी में यह सजा सबसे ज्यादा आम थी। इसमें अपराधी को एक कफन में जिंदा बंद कर दिया जाता और कफनगुफा में या जमीन के अंदर गाड़ दी जाती।
2) नुकीले खंभे में बांध कर मौत
15वीं सदी में रोमानिया में अपराधियों को नुकीले खंभे से बांध दिया जाता था। फिर धीरे–धीरे इंसान नीचे आता था और खंभे की नोकउसके शरीर में घुसती चली जाती थी। इसमें इंसान को मरने में 3 से 4 दिन लगते थे। एक बार तो सामूहिक सजा के दौरान 20 हजारलोगों ने वहीं बैठकर दावतें उड़ायी थीं।
3) ब्रेज़न/सिसिलियन बुल
मध्यकाल में ग्रीस में एक लोहे व ब्रास का बैल बनाया जाता। अपराधी को उस बैल के मुंह के रास्ते से उस बर्तन में डाल दिया जाता थाऔर फिर नीचे से आग लगा दी जाती थी। ठीक वैसे ही जैसे आप चिकन को प्रेशर–कुकर में पका देते हैं, वैसे ही उस लोहे के बैल में इंसानभी रोस्ट हो जाता था।
4) मधुमक्खियों/कीड़ों से कटवाना
एक टब में इंसान को बांध दिया जाता था, उसके शरीर पर दूध और शहद का लेप लगा कर छोड़ देते थे। फिर मधुमक्खियों और छोड़दिया जाता था। साथ ही कई प्रकार के कीड़ों को टब में डाल दिया जाता था, जो धीरे–धीरे जिंदा इंसान को खा जाते थे। इसमें उस इंसानको मरने में 5 से 10 दिन तक लगते थे।
5) दो दांत वाले फॉर्क
इंग्लैंड में अपराधी की गर्दन पर दोनों ओर दांत वाले फॉर्क को फंसा दिया जाता था। जितनी बार वह गर्दन नीचे करने की कोशिश करता, उतनी बार ऊपर का भाग गर्दन में घुसता और नीचे का भाग सीने में। न खा पाता न सो पाता और देखते ही देखते उसकी मौत हो जाती।
6) मौत के चूहे
15वीं सदी में रोम में एक बक्से में इंसान को जिंदा बंद कर दिया जाता और उसमें भूखे चूहों को छोड़ दिया जाता। चूहे उस इंसान के शरीरको कुतर–कुतर कर खा जाते। इंसान चिल्लाता रहता और चूहे उसे खाते रहते।
7) तारकोल, गर्म तेल डाल कर जलाना
1542 के आस–पास ये सजा इंग्लैंड में दी जाती थी। दोषी पाये जाने पर अपराधी को एक बेंच पर लिटा दिया जाता और फिर उसकीनाभी पर गर्म तेल, गर्म तारकोल आदि डाला जाता। कई बार तो गर्म तेल सिर के ऊपर से डाल कर नहलाया जाता।
8) जुडास क्रेडल
मध्य काल में जुडास क्रेडल का प्रयोग मौत की सजा में किया जाता था। यक एक स्टूल होता है, जिसके शीर्ष पर नोक होती है। इंसान को इस स्टूल के ऊपर लटका दिया जाता और धीरे–धीरे नीचे लाया जाता। पुरुष है तो उसके गुदा में और महिला है तो उसकी योनि में उसनोक को घुसेड़ दिया जाता। तब तक ऐसा किया जाता था, जब तक वो मर नहीं जाता। इस प्रक्रिया में इंसान को मरने में 10 घंटे से 10 दिन तक लगते थे।
9) रैक टॉर्चर
लंदन में एक रैक टॉर्चर टावर पर सेट कर दिया जाता था। उस रैक से इंसान के शरीर के अलग–अलग हिस्सों को अलग–अलग जगह बांधदिया जाता था और ऊंचाई पर लटका दिया जाता था। रैक को तेजी से तब–तक घुमाया जाता था, जब तक इंसान की हड्डियां टूट जातीं। और फिर धीरे–धीरे इंसान के टुकड़े होने लगते। इसमें इंसान के पैर, हाथ, कंधे, सिर, आदि सब–अलग–अलग टुकड़ों में कट जाते।
10) पिंजड़े में बंद कर
मध्य काल में सजा के तौर पर इंसान को नग्न कर एक पिंजड़े में बंद कर पेड़ से लटका दिया जाता। जिंदा इंसान को चील–कौवे, गिद्द, आदि नोंच–नोंच कर खा जाते।
11) गुइलोटीन
समें एक इंसान को एक तख्ते पर लिटा दिया जाता था और ऊपर से एक ब्लेड गिरता। एक झटके में उसका सिर धड़ से अलग कर दियाजाता था। कहा जाता है कि इसमें मरने वाले को तो कम दर्द होता था, लेकिन देखने वाले की रूह कांप जाती थी।
12) रैक किलिंग
इसमें इंसान को एक रैक पर लिटा दिया जाता और उसके दोनों हाथ–पैर अलग–अलग रस्सियों से बांध दिये जाते। फिर रस्सी को तबतक खींचा जाता, जबतक उसके हाथ–पैर पूरी तरह अलग नहीं हो जाते।
13) मगरमच्छ तालाब
मध्य काल में बड़े अपराध करने वालों को एक ऐसे तालाब में जिंदा फेंक दिया जाता था, जिसमें मगरमच्छ रहते थे। कुछ ही मिनटों मेंमगरमच्छ इंसान को चबाकर खा जाते थे।
14) आरी से काट कर अलग
इसमें इंसान को उलटा लटका दिया जाता था और आरी से काट कर शरीर के दो टुकड़े कर दिये जाते थे। इसमें आरी से पूरा शरीर नहींबल्कि आधा शरीर काट कर छोड़ देते थे, और इंसान तड़प–तड़प कर मर जाता था।
15) डंकिंग
इसमें इंसान को बांध कर पानी में डुबो दिया जाता था। तब तक डुबाये रखते थे, जब तक वो मर नहीं जाता।
16) बिजली का करंट
1800 की सदी में बिजली का करंट देकर मौत की सजा दी जाती थी।
17) भूखा रख कर मौत
1913 में मंगोलिया में एक महिला को एक लकड़ी के संदूक में बंद करके खुले मैदान में फेंक दिया गया। वह भूखी–प्यासी उसी में मर गईऔर बाद में चील–कौवे उसे खा गये।
18) जुबान काटना
मध्य काल में शासकों के विरोध में आवाज़ उठाने वालों की जबान काट दी जाती थी या फिर शिकंजा फंसा कर खींच ली जाती थी।
19) नेक डिवाइस
एक नुकीली कीलों से युक्त एक फंदे को गर्दन में डाल दिया जाता था। उसके बाद उसे पहनाकर इंसान को घसीटा जाता था। जैसे–जैसेवो कीलें गर्दन के अंदर जातीं, खून रिसता और धीरे–धीरे उसकी मौत हो जाती।
20) स्तन काट दिये जाते थे
मध्य काल में महिलाओं को सजा के तौर पर उनके ब्रेस्ट यानी वक्ष काट दिये जाते थे। इस प्रक्रिया में पहले महिला को निर्वस्त्र कियाजाता और फिर लोहे की गर्म तलवार से उसके स्तन काट दिये जाते। यह प्रक्रिया बेहद खौफनाक हुआ करती थी, जिसमें कुछ ही घंटों मेंमहिला की मौत हो जाती थी।
21) लोहे की भठ्ठी
19वीं सदी में चीन में इसका प्रयोग होता था। जिंदा इंसान को लोहे के एक ताबूत में बंद कर दिया जाता और धीरे–धीरे उसमें जलते हुएकोयले डाले जाते। कभी–कभी कोयले के ऊपर उस ताबूत को रख दिया जाता
22) रिपब्लिकन मैरेज
फ्रेंच रिवॉल्यूशन के दौरान परिवार के विरुद्ध जाकर शादी करने वाले लड़का–लड़की को निर्वस्त्र कर छोड़ दिया जाता था और उनके पीछेतल्वार व भाले लेकर सिपाही दौड़ते थे। तलवारों से गोद कर मार दिया जाता था।
23) सीमेंट शू
अमेरिका में मध्य काल में अपराधियों को जूतों में गीली सीमेंट डाल दी जाती और अपराधी को खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया जाता।सीमेंट सूखने के बाद उस इंसान को नदी या तालाब में फेंक दिया जाता। उसमें वह इंसान मगरमच्छों का शिकार हो जाता।
24) आंख में खौलता धातु
इंसान को टॉचर करने के लिये लोग खौलता हुआ धातु या तारकोल आंख में डाल देते थे। दुष्कर्म के दोषियों के लिंग पर खौलता हुआ तेलडाल दिया जाता था। इसमें इतना ज्यादा दर्द होता था कि इंसान की वहीं मौत हो जाती थी।
25) हाथी कुचल देता था
यह सजा मध्यकाल में दी जाती थी, जब अपराधी को हाथी अपने पैरों से कुचल कर मार देता था।