अपोलो में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने लगाया लाश नहीं सौंपने का आरोप
अमित दुबे – बिलासपुर | कोरोना जांच के नाम पर मरीज का इलाज नहीं किया गया और अब उसकी मौत के बाद भी उसकी लाश परिजनों को नहीं सौंपी जा रही है। मामला बिलासपुर के अपोलो से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। 7 अगस्त को पामगढ़, डोंगा कुहरौद निवासी कृष्ण कुमार कौशिक की तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद परिजन उसे लेकर सिम्स पहुंचे। यहां कुछ देर इलाज के बाद सिम्स ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि मरीज की हालत बिगड़ रही है लिहाजा वे उसे अपोलो लेकर जाए। मरीज के घबराए परिजन जब उसे अपोलो लेकर पहुंचे तो अपोलो ने मरीज को भर्ती करने से पहले उसके कोरोना जांच की बात कही । शाम तक रैपिड टेस्ट में नतीजे नेगेटिव आने के बाद मरीज को भर्ती कर लिया गया लेकिन। गुर्दे और फेफड़े में संक्रमण की समस्या से ग्रसित कृष्ण कुमार कौशिक की इलाज के दौरान 10 अगस्त को मौत हो गई, लेकिन उसकी लाश परिजनों को इस कारण नहीं सौंपी गई क्योंकि उसके कोरोना संक्रमित होने को लेकर अपोलो आश्वस्त नहीं था।
गाईड लाइन का पालन करते हुए अपोलो द्वारा कृष्ण कुमार कौशिक का सैंपल सिम्स rt-pcr टेस्ट के लिए सीएमएचओ के माध्यम से सोमवार शाम के बाद भेजा गया, लेकिन मृतक के भाई जब सिम्स में इसकी जानकारी लेने पहुंचे तो कथित तौर पर उन्हें बताया गया कि ऐसा कोई सैंपल उन्हें मिला नहीं है। मुमकिन है कि गोपनीयता की वजह से उन्हें इस तरह की जानकारी नहीं दी गई, जिसके बाद मृतक के भाई ने अपोलो पर लाश को बंधक बनाने का आरोप लगाकर सनसनी पैदा कर दी । इस संबंध में जब हमने अपोलो प्रबंधन से बात की तो उन्होंने बताया कि सोमवार शाम कृष्ण कुमार कौशिक की मौत के बाद सरकारी आदेश का पालन करते हुए सीएमएचओ कार्यालय के माध्यम से सिम्स आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए सैंपल भेजा गया था । इस संबंध में मृतक के भाई को क्या जानकारी मिली इसको पता नहीं और अपोलो ने लाश को बंधक बनाने जैसे आरोपों को भी साफ खारिज किया है और कहा है कि मृतक के भाई द्वारा मीडिया में भ्रामक जानकारी दी जा रही है।