कोरोना काल में ज़बरदस्त व्यवस्था, विद्यार्थियों को घर पहुँच मिल रहा है जाति प्रमाण पत्र
महासमुंद | बागबाहरा तहसील अंतर्गत राजस्व और स्कूल शिक्षा विभाग के समन्वय से शालायिन विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र अब निःशुल्क वितरित हो रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं प्रधानपाठक स्वयं इनका वितरण कार्य घर पहुचा कर संपादित कर रहे है। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के उपरांत शिक्षा विभाग के प्रधानपाठकों ने स्वयं यह बीड़ा उठाया है कि उनके छात्रों को अब अपना जाति-प्रमाण पत्रों के लिए राजस्व कार्यालयो का चक्कर ना काटना पड़े।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भागवत जायसवाल ने बताया कि स्कूलों में इस संबंध में शिविर लग रहे है जिसमें शिक्षक, पटवारी के साथ-साथ सरपंच उपस्थित होकर इन कार्यो में दस्तावेजों के संलग्नीकरण और प्रमाणीकरण का कार्य संपादित कर रहे है। जिससे छात्रों और अभिभावकों को अनुप्रमाणित दस्तावेजों की कोई दिक्कत न हो। अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लिए 1950 व अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 1984 के पूर्व का दस्तावेज के रूप में जिला कार्यालय के रिकार्ड रूम से भी इनसे सम्बंधित मिसल व भू-दस्तावेज उपलब्ध करवाया जा रहा है। यदि किसी भी प्रकार के रिकार्ड उपलब्ध नही होने की स्थिति में ग्राम सभा का प्रस्ताव, परिवार में किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर बना प्रमाण पत्र या अन्य पुराने शासकीय दस्तावेज आदि के माध्यम से भी यह कार्य संपादित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि इन बच्चों के भविष्य में विभिन्न शासकीय, गैर-शासकीय कार्यो में प्रयोग होने वाले इस प्रमाण पत्र की सरलीकृत तरीके से जारी होने की प्रक्रिया और छात्रों को प्रमाण-पत्रों की घर पहुंच सेवा अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय है। उक्त प्रक्रिया में छात्रों को किसी भी प्रकार का शुल्क भी नही देना पड़ रहा है।